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अलवर विमंदित बालिका प्रकरणः BJP और RLP ने किया प्रदर्शन...पूनिया बोले-सीबीआई जांच में राजस्थान पुलिस का सहयोग मिलने पर भी है संदेह

अलवर विमंदित बालिका प्रकरण को सीबीआई को सौंपने के लिए केंद्र सरकार को गहलोत सरकार ने पत्र लिखकर अनुशंषा कर दी है. लेकिन इस मामले में सियासी उबाल अभी भी जारी है. भाजपा ने मंगलवार को मंडल स्तर पर प्रदर्शन किया तो आरएलपी ने भी विरोध प्रदर्शन करते हुए राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा (BJP Protest on Alwar Case).

Alwar Special Girl Child Case, Rajasthan BJP
अलवर विमंदित बालिका प्रकरण

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Published : Jan 18, 2022, 3:28 PM IST

Updated : Jan 18, 2022, 3:54 PM IST

जयपुर. अलवर में मूक-बधिर बालिका प्रकरण में सियासी उबाल लगातार जारी है. इस मामले में शुरुआत से भाजपा राज्य की सरकार पर हमलावर बनी हुई है. भाजपा ने इस मुद्दे पर मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही आरएलपी ने भी सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन कर राज्यपाल को ज्ञापन दिया. आरएलपी नेताओं ने पीड़ित के परिजनों को 50 लाख रूपए का आर्थिक पैकेज देने सहित कई मांगें रखी हैं.

भाजपा ने मंडल स्तर पर किया विरोध प्रदर्शन

अलवर प्रकरण के विरोध में बीजेपी का प्रदर्शन

अलवर मूक-बधिर बालिका के साथ हुई दरिंदगी प्रकरण की जांच प्रदेश सरकार ने सीबीआई (CBI Probe in Alwar Case) को सौंपने के लिए अनुशंसा पत्र भेज दिया हो लेकिन इस मामले में भाजपा का विरोध प्रदर्शन जारी है. मंगलवार को भाजपा ने मंडल में स्तर पर विरोध प्रदर्शन कर गहलोत सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए. जयपुर में जवाहर नगर में मंडल के विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी काली पट्टी बांधकर शामिल हुए सरकार पर निशाना साधा (Poonia targets Gehlot on Alwar Case).

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राजापार्क क्षेत्र में हुए इस प्रदर्शन में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के साथ ही जयपुर शहर अध्यक्ष राघव शर्मा और स्थानीय भाजपा नेताओं ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जताया. साथ ही प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. इस दौरान सतीश पूनिया ने कहा कि मूक बधिर बालिका के प्रकरण में जिस प्रकार सरकार और पुलिस के बयान बदल रहे थे उसके बाद भाजपा ने प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की थी. लेकिन अब इस बात को लेकर संदेह है कि राजस्थान सरकार सीबीआई को जांच में अपना सहयोग देगी भी या नहीं. पूनिया ने कहा प्रदेश की गहलोत सरकार के अब तक के कार्यकाल में राजस्थान में अपराधों के आंकड़ों में इजाफा हुआ है और कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट नजर आई है. ऐसे में विपक्ष के नाते भाजपा कोरोना प्रोटोकॉल की पालना का प्रयास करते हुए लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रख रही है.

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पीड़ित के परिजनों को मिले 50 लाख का आर्थिक पैकेज

आरएलपी ने सौंपा ज्ञापन

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच कलेक्ट्रेट सर्किल पर जुटे आरएलपी नेता व कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर गहलोत सरकार पर निशाना भी साधा (RLP protest on Alwar Special Girl Child Case). आरएलपी नेताओं ने कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में अपराधी बेलगाम हो चुके हैं. आमजन का पुलिस से विश्वास खत्म होता जा रहा है. आरएलपी पदाधिकारियों की मांग थी कि पीड़ित परिवार को 50 लाख के आर्थिक पैकेज मुहैया कराने के साथ ही पीड़िता और परिजनों को उच्चस्तरीय सुरक्षा दी जाए. साथ ही मानसिक विकृति से पीड़ित अपराधी और अपराधियों की रोकथाम के लिए मनोवैज्ञानिक मनोचिकित्सक के मार्गदर्शन में जन जागरण अभियान चलाया जाए.

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प्रदर्शनकारियों ने कहा कि आरोपियों को सख्त से सख्त सजा मिले. इसके लिए प्रावधान किया जाना चाहिए और राजस्थान सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलाकर इस विषय पर चर्चा करना चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो. आरएलपी महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष डॉ स्पर्धा चौधरी युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष रणदीप सिंह चौधरी और प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिंह चौधरी ने बताया कि जब तक इस प्रकरण में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती आरएलपी अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेगी. प्रदर्शन के दौरान प्रदेश महामंत्री छुट्टन यादव और प्रदेश कार्यकारी सदस्य जीतू गोरा आदि मौजूद थे.

टूटा कोरोना का प्रोटोकॉल, पुलिस बनी रही मूक दर्शक

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के विरोध प्रदर्शन के दौरान कोरोना से जुड़ा प्रोटोकॉल भी टूटता नजर आया. प्रदर्शन में बड़ी संख्या में पार्टी से जुड़े कार्यकर्ता एकत्रित हुए. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की पालना ही नहीं हुई. अधिकतर प्रदर्शनकारियों ने अपने मुंह पर मास्क नहीं लगाया. मौके पर तैनात पुलिस अधिकारी और जवान भी इन्हें मूकदर्शक बनकर देखते रहे.

Last Updated : Jan 18, 2022, 3:54 PM IST

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