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बिजलीकर्मियों को मिल रहा साइकिल भत्ता, मांग मोटरसाइकिल भत्ते की...बरसों से लंबित अन्य मांगों के पूरी होने के इंतजार में कर्मचारी

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Published : Mar 1, 2022, 6:44 PM IST

Updated : Mar 1, 2022, 8:00 PM IST

प्रदेश की बिजली कंपनियों में कार्यरत कर्मचारियों को आज भी साइकिल भत्ता मिलता है. हालांकि जरूरत मोटरसाइकिल भत्ते की है. इसके साथ ही कई अन्य मांगों को लेकर कर्मचारी लगातार सरकार का ध्यान आकर्षित करते आ रहे (Demands of electricity department employees in Rajasthan) हैं, लेकिन इस बार के बजट में भी उनके हाथ कुछ नहीं लगा. अब इन्हें मुख्यमंत्री के बजट रिप्लाई में कुछ मिल​ जाने का इंतजार है.

Demands of electricity department employees in Rajasthan
साइकिल नहीं मोटरसाइकिल भत्ते की है बिजलीकर्मियों

जयपुर.राजस्थान सरकार का इस बार का बजट चर्चाओं में रहा. बजट में आमजन के साथ कर्मचारी वर्ग को कई सौगातें मिली. लेकिन प्रदेश की बिजली कंपनियों में कार्यरत कर्मचारी अभी मौजूदा बजट से ज्यादा खुश नहीं (Electricity department employees not happy with state budget) है. कारण है बरसों से लंबित पड़ी उनकी मांगे अब तक अधूरी हैं. आलम यह है कि अब इन्हें साइकिल भत्ता मिलता है, जिसे ये मोटरसाइकिल भत्ते में तब्दील नहीं करवा पाए. वहीं पद नाम ​परिवर्तन, इंटर डिस्कॉम ट्रांसफर नीति और वेतन विसंगति दूर करने सहित कई मांगे अब भी लंबित है.

पूर्व पेंशन की सुविधा का नहीं मिल रहा लाभ:प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में कार्यरत पांचों बिजली कंपनियों के कर्मचारियों को साल 2004 के पहले की पेंशन का लाभ नहीं मिल पा रहा जबकि मौजूदा बजट में मुख्यमंत्री ने इसका एलान करते हुए पेंशनधारियों और मौजूदा कर्मचारियों को इसकी सौगात दी है. लेकिन बिजली कंपनियों में फिलहाल कर्मचारियों को इससे जुड़े नए आदेश निकालने की दरकार है.

बरसों से लंबित अन्य मांगों के पूरी होने के इंतजार में बिजली विभाग के कर्मचारी

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  • जयपुर, अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम में इंटर ट्रांसफर नीति बनाने की मांग लंबित.
  • पांचों बिजली कंपनियों को समायोजित कर वापस राजस्थान राज्य विद्युत मंडल के गठन की मांग.
  • पांचों विद्युत निगम में नियुक्त आईआईटी योग्यताधारक टेक्निकल हेल्पर प्रथम द्वितीय और तृतीय का परिणाम टेक्नीशियन प्रथम द्वितीय और तृतीय करने के साथ टाइम बाउंड प्रमोशन के लाभ की मांग.
  • प्रत्येक उपखंड स्तर पर मीटर निरीक्षक प्रथम पद सृजित करने की मांग.
  • तीनों विद्युत निगमों में कार्यरत तकनीकी कर्मचारियों को फीडर इंचार्ज पद जो काल्पनिक रूप में काम में लिया जा रहा है, उसे स्थाई कर ग्रेड पर 36100 का लाभ दिए जाने की मांग.
  • पांचों बिजली कंपनियों में वरिष्ठ इंजीनियरिंग सुपरवाइजर और वरिष्ठ कम्युनिकेशन सुपरवाइजर के नए पद सृजित करने की मांग.
  • 132 केवी ग्रिड सब स्टेशन पर कनिष्ठ अभियंता के कार्य में इंजीनियरिंग सुपरवाइजर को लगाने की मांग.
  • वेतन विसंगति दूर कर समय पर प्रमोशन की मांग.
  • विद्युत निगमों में कार्यरत कर्मचारियों को 500 यूनिट की कीमत के बराबर विद्युत भत्ता दिए जाने और स्थाई शुल्क माफ करने की मांग.
  • कनिष्ठ अभियंता और इंजीनियरिंग सुपरवाइजर की ग्रेड पे 4800 की मांग.
  • बिजली कंपनियों में कार्यरत कर्मचारियों की सुरक्षा और विद्युत दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने की मांग.
  • बिजली कंपनियों में तकनीकी कर्मचारियों को साईकिल भत्ते के बजाय मोटरसाइकिल भत्ता 3500 प्रतिमाह देने और हार्ड ड्यूटी अलाउंस के रूप में वेतन का 20 प्रतिशत देने की मांग.

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बजट से निराशा लेकिन मुख्यमंत्री के बजट रिप्लाई से रहेगी उम्मीद:प्रदेश के बजट से बिजली कर्मचारियों के लिए सरकार ने कुछ खास सौगातें नहीं दी. यहां तक कि जो मांगे वर्षों से लंबित थी, उन्हें पूरा करने की दिशा में भी कोई घोषणा नहीं हुई. ऐसे में बिजली कर्मचारी निराश तो हैं, लेकिन उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी है. प्रांतीय विद्युत मंडल मजदूर फेडरेशन इंटक से जुड़े संयुक्त मंत्री और प्रवक्ता डीडी शर्मा ने बताया कि 3 मार्च को मुख्यमंत्री के बजट रिप्लाई से बिजली कर्मचारियों को काफी उम्मीद है. संभवता इस दौरान कर्मचारियों की कुछ पुरानी लंबित मांगों का समाधान हो सकता है. शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने बजट में कर्मचारियों को कई सौगातें दी हैं. ऐसे में उम्मीद है कि बिजली कर्मचारियों के लिए भी बजट रिप्लाई में कुछ सौगातें जरूर देंगे.

Last Updated : Mar 1, 2022, 8:00 PM IST

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