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जयपुर: जयसिंहपुरा खोर थाने का न्यायिक क्षेत्र आमेर कोर्ट में देने की मांग, वकीलों की अनिश्चितकालीन हड़ताल - Advocate for Amer

अपनी मांगों के लिए 3 सप्ताह से अधिक समय निश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे दी बार एसोसिएशन आमेर के वकीलों का कहना है कि राज्य सरकार को उनकी मांगों का समाधान निकालना चाहिए. हड़ताल होने से न्यायिक कार्य नहीं हो पा रहा है. जिसका खामियाजा आमजन को उठाना पड़ रहा है.

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हड़ताल पर बैठे वकील

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Published : Nov 2, 2021, 2:06 PM IST

जयपुर.जयसिंहपुरा खोर थाने का न्यायिक क्षेत्र आमेर कोर्ट में देने की मांग को लेकर दी बार एसोसिएशन आमेर के अधिवक्ता 4 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं. हड़ताल पर बैठे अधिवक्ताओं की मांग है कि जयसिंहपुरा खोर थाने का न्यायिक क्षेत्र आमेर न्यायालय में दिया जाए. जयसिंहपुरा खोर थाने का न्यायिक क्षेत्र बनीपार्क न्यायालय में दिया गया है, जो कि काफी दूरी पर है. ऐसे में अधिवक्ता अपनी मांग को लेकर कार्य बहिष्कार करके हड़ताल पर बैठे हुए हैं. हड़ताल के चलते आमेर कोर्ट में न्यायिक कार्य भी ठप पड़े हुए हैं.

जयसिंहपुरा खोर थाना और दौलतपुरा थाना नया बनाया गया है. आमेर थाने का क्षेत्र काटकर कुछ हिस्सा दौलतपुरा थाने में दे दिया गया है, तो कुछ हिस्सा जयसिंहपुरा खोर थाने में दिया गया है. जयसिंहपुरा खोर थाने की सीमाएं आमेर न्यायालय से करीब 4 किलोमीटर की दूरी पर है.

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ऐसे में आमजन और अधिवक्ताओं की सुविधाओं को देखते हुए दी बार एसोसिएशन आमेर के अधिवक्ताओं की मांग है कि जयसिंहपुरा खोर थाने का न्यायिक क्षेत्र आमेर कोर्ट में दे दिया जाए. हड़ताल के चलते आमेर न्यायालय में कोई भी कार्य नहीं हो रहा है. ऐसे में अधिवक्ताओं की मांग है कि जल्द सुनवाई की जाए, ताकि न्यायालय का कार्य सुचारू हो सके. अधिवक्ताओं ने आंदोलन को और ज्यादा तेज करने की चेतावनी दी है.

हड़ताल पर बैठे वकील

सुनवाई नहीं होने पर करेंगे सद्बुद्धि यज्ञ

एडवोकेट सुजीत कुमार सैनी ने बताया कि आमेर का क्षेत्र शामिल करते हुए जयसिंहपुरा खोर थाना नया सृजित किया गया है. जयसिंहपुरा खोर थाने की सीमाएं आमेर न्यायालय से मात्र 4 किलोमीटर दूरी पर है. लेकिन जयसिंहपुरा खोर थाने को बनीपार्क न्यायालय के क्षेत्राधिकार में दिया जा रहा है जो कि करीब 15 से 20 किलोमीटर दूरी पर है. जयसिंहपुरा खोर थाने को आमेर न्यायालय में देने की मांग को लेकर वकील हड़ताल पर बैठे हुए हैं. अगर सुनवाई नहीं की गई तो सद्बुद्धि यज्ञ किया जाएगा. जनता और अधिवक्ताओं की सुविधाओं के लिए जयसिंहपुरा खोर थाने को आमेर न्यायालय में देना चाहिए.

आमेर न्यायालय में वर्तमान में तीन न्यायिक अधिकारी पदस्थापित है. आमेर एक थाने के लिए इतने अधिकारी हैं. अधिवक्ता राजेश बुनकर ने बताया कि आमेर थाने को काटकर कुछ हिस्सा दौलतपुरा थाने में दे दिया और कुछ हिस्सा जयसिंहपुरा खोर थाने में दे दिया गया है. आमेर थाने का काफी ज्यादा हिस्सा जयसिंहपुरा खोर थाने के क्षेत्राधिकार में चला गया है. जयसिंहपुरा खोर थाने का क्षेत्राधिकार आमेर की जगह जयपुर के बनीपार्क न्यायालय में दे दिया गया है, जो कि काफी दूरी पर है.

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