जयपुर. शराबबंदी और सशक्त लोकायुक्त की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठी शराबबंदी आंदोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूनम छाबड़ा ने अपना आमरण अनशन समाप्त कर दिया है. सरकार से सकारात्मक वार्ता होने के बाद उन्होंने यह निर्णय लिया है. पूनम छाबड़ा की शराबबंदी के अध्ययन के लिए बनाई गई मंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षता में गठित कमेटी से वार्ता कराई जाएगी.
शराबबंदी आंदोलन में अपनी जान गंवाने वाले गुरुशरण छाबड़ा की पुत्रवधू एवं शराबबंदी आंदोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूनम छाबड़ा ने शराबबंदी (Demand for liquor ban in Rajasthan) को लेकर 15 नवंबर से आमरण अनशन शुरू किया था. तीसरे दिन बुधवार को उनकी तबीयत भी खराब हो गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
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पूनम छाबड़ा के प्रतिनिधि मंडल की सरकार पहले दौर की वार्ता हुई थी जो विफल रही थी. गहलोत सरकार के साथ बुधवार देर शाम दूसरे दौर की वार्ता सकारात्मक रही. सरकार से पूर्ण आश्वासन मिलने के बाद पूनम छाबड़ा ने देर रात को अपना आमरण अनशन समाप्त कर दिया. पूर्व विधायक गोपीचंद गुर्जर और जिला आबकारी अधिकारी सुनील भाटी देर रात को अस्पताल पहुंचे. बातचीत के बाद पूनम छाबडा को जूस पिलाकर उनका आमरण अनशन समाप्त करवाया.
सरकार की ओर से पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने पूनम छाबड़ा को बताया कि पूर्ण शराबबंदी को लेकर मंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षता में कमेटी बनी हुई है. उस कमेटी को जल्द ही सक्रिय कर पूनम छाबड़ा की सारी मांगे कमेटी के सामने रखी जाएगी. कमेटी की बैठक में पूनम छाबड़ा को भी बुलाया जाएगा. पूनम छाबडा की कमेटी से वार्ता कराई जाएगी. सरकार के प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि नई आबकारी नीति बनने वाली है, उसमे भी पूनम छबड़ा को बुलाकर सुझाव लिए जाएंगे. इस आश्वासन के बाद पूनम छाबड़ा ने अपना आमरण अनशन समाप्त कर दिया.