जयपुर. मेडिकल विभाग में ठेकेदार के मार्फत काम करने वाले कर्मचारियों को नियमित संविदा पर लगाने की मांग तेजी से उठने लगी है. अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया है. जिसमें ठेकेदार के मार्फत काम करने वाले प्रदेश के मेडिकल विभाग के कर्मचारियों को नियमित संविदा पर लगाने की मांग की है.
एकीकृत महासंघ का कहना है कि सरकार अगर इन कर्मचारियों को नियमित संविदा पर लगाती है तो इससे सरकार को आर्थिक लाभ भी होगा, क्योंकि ठेके के जरिए सरकार को ज्यादा पैसा वहन करना पड़ता है. अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि राज्य की मेडिकल कॉलेज और लगन चिकित्सालय में पिछले कई वर्षों से ठेका निविदा प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से कार्य ठेका कर्मचारियों को ठेकेदार के मार्फत काम पर लगाया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि इससे उन कर्मचारियों का तो शोषण हो ही रहा है. साथ ही सरकार को भी इससे आर्थिक नुकसान हो रहा है, क्योंकि यह ठेकेदार सरकार से हर कर्मचारी के 17 से 18 हजार रुपये हर महीने के लेते हैं. जबकि वह कर्मचारियों को 5 से 8 हजार हर महीना ही देते हैं, बाकी पैसा अपनी जेब में रखते हैं. ऐसे में अगर सरकार इन कर्मचारियों को सीधा संविदा के जरिए काम पर रखे तो सरकार को इसमें आर्थिक लाभ हो सकता है. इन कर्मचारियों को 10 से 13 हजार तक के मंथली भुगतान पर काम पर लिया जा सकता है.