जयपुर. परकोटे की तरह भवनों के आगे कंगूरे, झरोखे, फसाड़, जाली, गेरुआ गुलाबी रंग और दूसरे प्राचीन निर्माण शैली के साथ आगरा रोड पर हेरिटेज सिटी (Heritage City) बसाने की कवायद चल रही है. लेकिन इसकी गाइडलाइन पर आमजन और विकासकर्ताओं से मिली आपत्तियों में संशोधन और क्षेत्र विकसित नहीं होने से ये प्रोजेक्ट खटाई में पड़ता दिख रहा है.
दरअसल, 2025 के मास्टर प्लान में जयपुर के पूर्व में हेरिटेज सिटी (Heritage City) और ग्रीन सिटी (Green City) विकसित करने की प्लानिंग की गई. जिसका एरिया तकरीबन 25 वर्ग किलोमीटर निर्धारित किया, जो वॉल सिटी से 5 गुना ज्यादा है.
चीफ टाउन प्लानर आरके विजयवर्गीय से खास बातचीत, पार्ट-1 वहीं, इसका एक स्पेशल एरिया प्लान बनाया जाना है. जिसमें परकोटे की तरह ही रंग-रोगन, स्थापत्य कला, बसावट को आधार बनाकर हेरिटेज सिटी बसाने के लिए गाइडलाइन तैयार की गई, लेकिन जेडीए (JDA) की एक कमेटी ने विस्तृत पैरामीटर तय करने हुए ड्राफ्ट तैयार किया गया और आम जनता से आपत्ति और सुझाव आमंत्रित किए गए. जो आपत्ति और सुझाव प्राप्त हुए, उनपर मंथन करने के लिए जेडीएस की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश की.
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इस रिपोर्ट में कुछ अच्छे सुझाव भी आए और कुछ संशोधन की भी मांग की गई है. इस संबंध में चीफ टाउन प्लानर आरके विजयवर्गीय से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि यहां 50 प्रतिशत कमर्शियल एक्टिविटी प्लान की गई थी (नीचे शॉप और ऊपर आवास या फिर आगे शॉप पीछे आवास). जिसमें संशोधन करते हुए अब 10 प्रतिशत कमर्शियल और 10 प्रतिशत इंस्टीट्यूशनल एक्टिविटी प्लान की गई है. यहां सड़क की न्यूनतम चौड़ाई 12 मीटर रहेगी और कमर्शियल और इंस्टीट्यूशनल डेवलपमेंट 18 मीटर सड़क पर किया जाएगा. हालांकि, गाइडलाइन पर अभी अंतिम निर्णय होना बाकी है.
हेरिटेज सिटी आगरा रोड पर बसाने का प्लान... विजयवर्गीय के अनुसार मास्टर प्लान 20 से 25 साल की अवधि के लिए बनाया जाता है. एक जनहित याचिका पर आए निर्णय के बाद उत्तर-पूर्वी क्षेत्र जो इकोलॉजिकल जोन में आता है. वहां किसी तरह की गतिविधि अनुमत नहीं है. इस वजह से 2025 तक जो डेवलपमेंट होना था, वो रुका हुआ है.
चीफ टाउन प्लानर आरके विजयवर्गीय से खास बातचीत, पार्ट-2 हालांकि, हेरिटेज सिटी और ग्रीन सिटी इकोलॉजिकल का ही पार्ट है. ग्रीन सिटी में तो वही गतिविधि प्लान की है जो इकोलॉजिकल जोन में हो सकती हैं. जबकि हेरिटेज सिटी का कुछ एरिया इकोलॉजिकल जोन में था. कुछ 2011 में ग्रामीण में था, जो 2025 में हेरिटेज सिटी के नाम से स्पेशल एरिया के रूप में योजनाबद्ध है. उसमें हाईकोर्ट की रोक नहीं है, अब उसे गति दी जाएगी. क्योंकि अब तक हेरिटेज सिटी का एरिया पूरी तरह विकसित नहीं हो पाया है.
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ऐसे में इस प्लान को 2035 तक भी बढ़ाया जा सकता है. बहरहाल, हेरिटेज सिटी को लेकर गाइडलाइन में संशोधनों का दौर जारी है. ऐसे में आधुनिक युग की हेरिटेज सिटी का शहर वासियों को और इंतजार करना पड़ेगा.