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राज्य के 6 नगर निगमों में 2 चरणों में होगा चुनाव, 3 नवंबर को होगी मतगणना

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Published : Oct 10, 2020, 8:37 PM IST

राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश की 6 नगर निगमों के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी है. राज्य में 2 चरणों में 29 अक्टूबर और 1 नवंबर को मतदान होगा. इसके बाद 3 नवंबर को मतगणना करवाई जाएगी. वहीं, महापौर का चुनाव 10 नवंबर और उप महापौर का चुनाव 11 नवंबर को करवाया जाएगा.

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राज्य निर्वाचन आयोग

जयपुर. राज्य निर्वाचन आयोग के चुनाव आयुक्त पीएस मेहरा ने प्रदेश के 6 नवगठित नगर निगमों (जयपुर हैरिटेज, जयपुर ग्रेटर, जोधपुर उत्तर, जोधपुर दक्षिण, कोटा उत्तर और कोटा दक्षिण) के सभी 560 वार्डों में होने वाले चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी है. सभी निगमों में सदस्य के पदों के लिए 2 चरणों में 29 अक्टूबर और 1 नवंबर को मतदान और 3 नवंबर को मतगणना करवाई जाएगी. जबकि महापौर का चुनाव 10 नवंबर और उप महापौर का चुनाव 11 नवंबर को करवाया जाएगा.

निर्वाचन आयुक्त पीएस मेहरा ने बताया कि सदस्य पद के लिए 14 अक्टूबर को लोक सूचना जारी की जाएगी. नामांकन पत्रों को प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 19 अक्टूबर को होगी. नामांकन पत्रों की संवीक्षा 20 अक्टूबर को करवाई जाएगी. उम्मीदवार अपना नाम 22 अक्टूबर तक वापस ले सकते हैं. उन्होंने बताया कि चुनाव चिन्हों का आवंटन 23 अक्टूबर को करवाया जाएगा, जबकि मतदान 29 अक्टूबर और 1 नवंबर को सुबह 7.30 बजे से सायं 5.30 बजे तक करवाया जाएगा. मतगणना 3 नवंबर को प्रातः 9 बजे से होगी.

4 नवंबर को जारी होगी लोक सूचना

मेहरा ने बताया कि महापौर पद के लिए 4 नवंबर को लोक सूचना जारी की जाएगी. नामांकन पत्रों को प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 5 नवंबर होगी. नामांकन पत्रों की संवीक्षा 6 नवंबर को और नाम वापसी की तिथि 7 नवंबर को होगी. चुनाव चिन्हों का आवंटन इसी दिन किया जाएगा. मतदान 10 नवंबर को प्रातः 10 बजे से अपराह्न 2 बजे तक होगा, जबकि मतगणना समाप्ति के तुरंत बाद करवाई जाएगी.

इसी तरह उप महापौर के लिए निर्वाचन की तिथि 11 नवंबर को होगी. उपमहापौर के लिए बैठक प्रातः 10 बजे, नामांकन पत्रों का प्रस्तुतिकरण प्रातः 11 बजे तक, नामांकन पत्रों की संवीक्षा प्रातः 11.30 बजे से, अभ्यर्थिता वापसी अपराह्न 2 बजे तक और मतदान यदि आवश्यक हुआ तो अपराह्न 2.30 बजे से 5 बजे तक करवाया जाएगा. मतगणना मतदान समाप्ति के तुरंत बाद होगी.

35,97,873 मतदाता करेंगे मताधिकार का इस्तेमाल

चुनाव आयुक्त ने बताया कि सभी निगमों को मिलाकर कुल 35,97,873 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे. इनमें 18,76,195 पुरुष, 17,21,637 महिला और 41 अन्य श्रेणी के मतदाता हैं. सर्वाधिक मतदाता जयपुर की जयपुर ग्रेटर निगम में हैं, जहां 12,28,754 मतदाता (6,45,160 पुरुष, 5,83,581 महिला और 13 अन्य) हैं. इसी तरह जयपुर हैरिटेज में 9,32,807 मतदाता हैं, जिनमें से 4,91,581 पुरुष, 4,41,211 महिला और 15 अन्य श्रेणी के मतदाता हैं.

उन्होंने बताया कि जोधपुर शहर के जोधपुर उत्तर निगम में कुल 3,87,794 मतदाता हैं, जिनमें से 1,98,886 पुरुष, 1,88,905 महिला और 3 अन्य मतदाता हैं. जोधपुर दक्षिण में 3,39,537 मतदाताओं में से 1,75,701 पुरुष, 1,63,832 महिला और 4 अन्य श्रेणी के मतदाता हैं.

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इसी तरह कोटा शहर के कोटा उत्तर नगर निगम में कुल 3,32,655 मतदाताओं में से 1,70,894 पुरुष, 1,61,759 महिला और 2 अन्य श्रेणी के मतदाता हैं. कोटा दक्षिण में कुल 3,76,326 मतदाताओं में 1,93,973 पुरुष, 1,82,349 महिला और 4 अन्य श्रेणी के मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे.

मेहरा ने बताया कि इन नगर निगमों के सदस्यों के आम चुनाव इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के जरिए कराए जाएंगे. इसी अनुसार आयोग की ओर से सभी जिलों को पर्याप्त मशीनों का आवंटन किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि जिला निर्वाचन अधिकारियों के पास ईवीएम टेकिंग के लिए उपलब्ध सॉफ्टवेयर के द्वारा जिला स्तर पर ईवीएम के स्थानांतरण की ऑनलाइन टेकिंग की जा सकेगी. इसके अतिरिक्त उक्त सॉफ्टवेयर के माध्यम से मतदान के लिए ईवीएम के आवंटन के लिए रेंडमाइजेशन भी किया जाएगा.

30 हजार कार्मिक करवाएंगे चुनाव

चुनाव आयुक्त ने बताया कि इन सभी 6 नवसृजित नगर निगमों के लिए मतदान, मतगणना अन्य कार्याे के लिए लगभग 30 हजार कार्मिकों को नियोजित किया जाएगा. मतदान एवं मतगणना दलों के गठन हेतु आयोग की ओर से जिला निर्वाचन अधिकारियों को कार्मिकों के रेंडमाइजेशन के लिए सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराया गया है.

इस सॉफ्टवेयर के द्वारा मतदान एवं मतगणना दलों का गठन किया जाएगा. मतदान दलों को दो स्तरीय प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा. चुनाव के दौरान कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने एवं शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए पर्याप्त पुलिस बल भी नियोजित किया जाएगा.

चुनाव प्रक्रिया पर पर्यवेक्षकों की रहेगी पैनी नजर

नगर निगमों के लिए मतदान, मतगणना अन्य चुनाव संबंधी कार्याें के पर्यवेक्षण के लिए प्रत्येक जिले के लिए आवश्यकतानुसार एक या अधिक पर्यवेक्षकों को नियाजित किया जाएगा. ये पर्यवेक्षक भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ एवं चयनित और राजस्थान प्रशासनिक सेवा के सुपर टाईम स्केल या इससे उच्चतर वेतन श्रृंखला के अधिकारी होंगे.

चुनाव नियंत्रण कक्ष की स्थापना

आयोग मुख्यालय एवं जिला स्तर पर चुनाव की घोषणा के साथ ही चुनाव कार्य से संबंधित सूचनाओं के आदान-प्रदान एवं आमजन की ओर से भी चुनाव संबंधी किसी भी गतिविधि के बारे में प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करने के लिए चुनाव नियंत्रण कक्ष स्थापित कर दिया जाएगा. आमजन 0141-2227786, 0141-2385067, 0141-2385059 पर कॉल कर सकते हैं. यह नियंत्रण कक्ष 24X7 रात-दिन लगातार कार्य करेगा.

अभ्यर्थियों के लिए चुनाव खर्च सीमा

मेहरा ने बताया कि चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की ओर से चुनाव के दौरान वाहनों एवं लाउड स्पीकरों के उपयोग, कट आउटों, होर्डिंग्स, पोस्टर एवं बैनरों के प्रदर्शन और इनसे संबंधित अन्य गतिविधियों को नियंत्रण करने के लिए प्रतिबंध अधिरोपित किए गए हैं. इसके अनुसार नगर निगम के सदस्य पद के चुनाव लड़ने के लिए यह सीमा 2,50,000 रुपए निर्धारित की गई है.

इस आदेश में चुनाव के लिए इन मदों पर खर्च की सीमा में वृद्धि की गई है. इससे पूर्व खर्च की सीमा आयोग की ओर से वर्ष 2014 में रूपए 80 हजार रुपए ही थी. इस खर्च का पूर्ण विवरण परिणामों की घोषणा के 15 दिवस के भीतर विहित प्रारूप में संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी या उसके द्वारा प्राधिकृत अधिकारी को प्रस्तुत करना आवश्यक होगा.

उन्होंने बताया कि लाउड स्पीकर के उपयोग के लिए निर्वाचन अधिकारी की लिखित अनुमति प्राप्त करनी आवश्यक होगी और इसका प्रयोग रात्रि 10.00 बजे से प्रातः 6.00 बजे तक पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा. अभ्यर्थियों के लिए निर्वाचन में प्रचार के लिए वाहनों की अधिकतम सीमा निर्धारित की गई है. इस हेतु संबंधित निर्वाचन अधिकारी से वाहन के संपूर्ण विवरण के साथ लिखित अनुमति प्राप्त करनी आवश्यक होगी.

घोषणा के साथ ही लागू हुई आदर्श आचार संहिता

चुनाव आयुक्त ने बताया कि चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही संबंधित नगर निगम क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता के प्रावधान तुरंत प्रभाव से लागू हो गए हैं, जो चुनाव प्रक्रिया समाप्ति तक लागू रहेंगे. इसके अनुसार संबंधित नगर निगमों में विभिन्न विभागों के विकास कार्य जिसके कार्यादेश आचार संहिता के प्रभाव में आने से पूर्व ही जारी किए जा चुके है या जो विकास कार्य पूर्व से ही चल रहे हैं, वे सभी आचार संहिता से प्रभावित नहीं होंगे.

नई स्कीम, नए विकास कार्य और नए कार्यादेश आचार संहिता के लागू होने से पूर्णतया प्रतिबंधित रहेंगे. चुनाव के लिए बड़ी मात्रा में कार्मिकों की आवश्यकता होगी. इसलिए संबंधित नगर निगम क्षेत्र से होने वाले स्थानांतरण एवं संबंधित नगर निगम क्षेत्र में किए जाने वाले पदस्थापन या स्थानांतरण पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा.

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