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4.50 लाख करोड़ रुपए के कर्ज में डूबी गहलोत सरकार खरीद रही नए विमान...इतनी है कीमत - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

राजस्थान सरकार साढ़े चार लाख करोड़ रुपए के कर्ज में डूबी हुई है. ये कर्ज कम होने की बजाए साल दर साल बढ़ता जा रहा है. इस बीच गहलोत सरकार अपने आरामदायक सफर के लिए आधुनिक सुविधाओं वाले दो (12 seater jet aircraft and 10 seater multi turbine engine helicopter ) वायुयान खरीदने जा रही है. इसमें 12 सीटर जेट विमान और 10 सीटर हेलीकॉप्टर शामिल है.

Debt ridden Gehlot government,  12 seater jet aircraft and 10 seater multi turbine engine helicopter
4.50 लाख करोड़ रुपए के कर्ज में डूबी गहलोत सरकार खरीद रही नया 12 सीटर जेट विमान.

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Published : Jun 7, 2022, 5:44 PM IST

जयपुर.राजस्थान सरकार कर्ज में डूबी हुई है. ये कर्ज कम होने की जगह साल दर साल बढ़ता भी जा रहा है. सरकार कांग्रेस की हो या बीजेपी की किसी ने भी इस कर्ज को कम करने की कोशिश नहीं की . बल्कि अपनी सुविधाओं के लिए इस कर्ज को और बढ़ाया है. प्रदेश सरकार पर बढ़ते कर्ज के बावजूद गहलोत सरकार अपने आरामदायक सफर (12 seater jet aircraft and 10 seater multi turbine engine helicopter ) के लिए आधुनिक सुविधाओं वाले दो वायुयान खरीदने जा रही है. इसमें 12 सीटर जेट विमान और 10 सीटर हेलीकॉप्टर शामिल है.

सामान्य प्रशासन विभाग ने नए जेट विमान और मल्टी टरबाइन इंजन हेलीकॉप्टर के लिए मंगलवार को पहले दौर में चार कंपनियों (Four companies gave presentation ) से प्रजेंटेशन लिया. जबकि दूसरे दौर के लिए 14 जून को 5 कंपनियों के प्रजेंटेशन होंगे . जीएडी सभी 9 कंपनियों के प्रजेंटेशन लेने के बाद जिस कंपनी के अच्छे फीचर के साथ कम रेट वाली कंपनी के साथ एमओयू करेगी. सब कुछ ठीक ठाक रहा तो जुलाई के पहले सप्ताह तक (Gehlot government will buy two aircraft ) सरकार के बेड़े में अपने दो वायुयान होंगे.

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वीवीआइपी 12 सीटर होगा जेट विमानः करीब साढ़े चार लाख करोड़ रुपए के कर्ज से जूझती राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार अत्याधुनिक मल्टी टरबाइन वीवीआइपी जेट विमान खरीद रही है. पिछले 7 साल से किराए के विमान या हेलीकॉप्टर से काम चला रही राज्य सरकार ने अब गुजरात की तर्ज पर अत्याधुनिक जेट विमान खरीदने का निर्णय किया है. सूत्रों की मानें तो इसकी फाइल को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अनुमति दे दी है. उसमें वीवीआइपी 12 सीटर जेट विमान खरीदने की बात की है . जेट विमान 12 सीटर होगा , जिसकी कीमत लगभग 350 करोड़ और 10 सीटर हेलीकॉप्टर की कीमत लगभग 100 करोड़ रुपए होगी .

12 और 10 सीटर ही क्योंः दरअसल राज्य सरकार 12 सीटर जेट विमान इसलिए भी खरीदना चाहती है क्योंकि सरकारी कार्यक्रम के दौरान 12 सीटर जेट विमान की ज्यादा आवश्यकता होती है. खास तौर से राज्यपाल के किसी भी दौरे पर जाते वक्त स्टाफ की आवश्यकता के अनुसार 12 सीटर विमान की डिमांड की जाती है. वर्तमान में सरकार किराए पर विमान उपलब्ध करा रही हैं . इसी तरह से 10 सीटर मल्टी टरबाइन इंजन हेलीकॉप्टर खरीदेगी.10 सीटर हेलीकॉप्टर की आवश्यकता आने वाले चुनाव को देखते हुए है . सरकार के पास इससे पहले जो हेलीकॉप्टर थे वो 4 सीटर और सिंगल इंजन वाले थे . उन हेलीकॉप्टर की खामियां देखते हुए ही इस बार डबल इंजन वाला हेलीकॉप्टर खरीदने जा रही है.

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अगस्ता हेलीकॉप्टर सहित तीन वायुयान रिजर्व प्राइस से ज्यादा कीमत में बिकेः सरकार के पास पुराने हो चुके अगस्ता हेलीकॉप्टर सहित तीन वायुयान रिजर्व प्राइस से ज्यादा कीमत में हाल ही नीलाम हो गए हैं, हालांकि इनमे से एक विमान की पहली किस्त कंपनी ने जमा नही कराई, जिसकी वजह से उसे फिर से नीलम किया गया था. अगस्ता हेलीकॉप्टर की रिजर्व प्राइस ढाई करोड़ थी , जबकि 7.55 करोड़ में नीलामी हुई , वहीं बी 200 की रिजर्व प्राइस 9 करोड़ रखी गई थी जो 18.50 करोड़ में नीलामी हुई. इसी तरह से सी - 90 वायुयान की रिजर्व प्राइस सवा तीन करोड़ रखी गई जो 6 करोड़ से ज्यादा में बिका था.

सवा लाख करोड़ से ज्यादा कर्जाः गहलोत सरकार ने कोरोना काल के बीच अब तक के कार्यकाल में रिकार्ड एक लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज लिया है . अब तक की सरकारों ने जितना कर्ज लिया उसका 25 फीसदी कर्ज गहलोत सरकार ने तीन साल के कार्यकाल में लिया. राज्य पर कुल कर्ज 4 लाख 50 हजार करोड़ के करीब हो चुका है . यानी राजस्थान में हर व्यक्ति पर 55 हजार रुपए से ज्यादा का कर्ज हो चुका है.

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कोरोना काल की वजह से नही हुई थी खरीदः पिछले साल गहलोत सरकार ने 200 करोड़ रुपये में डेशो एविएशन कंपनी से मिड साइज 12 सीटर जेट विमान खरीदने का निर्णय लिया था. डेशो एविएशन फ्रांस की कंपनी है . विमान खरीदने को लेकर राज्य सरकार की उच्च स्तरीय समिति ने निर्णय लेने के बाद प्रस्ताव को मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री के पास भेजा था. लेकिन सीएम गहलोत ने इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी थी . बताया जा रहा था कोरोना काल के बीच बिगड़े आर्थिक हालातों में अगर जेट विमान की खरीद होती तो विपक्ष को बैठे बिठाए सरकार को घेरने का मौका मिल जाता.

2011 में अगस्ता हुआ था दुर्घटनाग्रस्तः इससे पहले राज्य के पास एक अगस्त हेलिकॉप्टर था जोकि 2011 में दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद से बाहर है. जिसके कारण सरकार को जरुरत होने पर निजी कंपनियों से किराए पर विमान लेना पड़ता था.

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