जयपुर.विधानसभा सदन में गुरुवार को अनुसूचित जाति और जनजाति के कल्याण से जुड़े अनुदान मांगों पर बहस हुई. जिसमें 40 विधायकों ने पार्टिसपेट किया. हालांकि बहस में बोलने वाले विधायकों में अधिकतर अनुसूचित जाति और जनजाति समाज के रहे , महज चार विधायक ऐसे रहे जो एससी-एसटी के ना होने के बावजूद भी इस बहस में शामिल हुए.
यही कारण रहा कि जब मंत्री भंवरलाल मेघवाल का रिप्लाई आया तो उनकी जुबान पर इसका जिक्र रहा. मेघवाल ने अपने रिप्लाई के दौरान घोषणाएं कम और विभाग की योजनाएं ज्यादा गिनाई. साथ ही पिछली वसुंधरा राजे सरकार में जिन 4 लाख लोगों कि सामाजिक पेंशन उन्हें मृत मानकर बंद कर दी गई थी उस पर भी सवाल उठाए.
वहीं मेघवाल से पहले जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्यमंत्री अर्जुन बामनिया ने भी सदन में रिप्लाई दिया और कई घोषणाएं की.
जो इस प्रकार है....
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