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ग्रेटर नगर निगम मामला : आरोपी पार्षदों की जमानत अर्जी पर बहस पूरी, 22 जुलाई को कोर्ट सुनाएगा फैसला

सरकारी वकील ने कहा कि आरोपियों ने लोकसेवक के साथ मारपीट करते हुए काम में बाधा पहुंचाई है. ऐसे में उन्हें जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने जमानत अर्जी पर 22 जुलाई को फैसला देना तय किया है.

ग्रेटर नगर निगम मामला
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Published : Jul 20, 2021, 7:00 PM IST

जयपुर. शहर के अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-3 महानगर प्रथम ने ग्रेटर नगर निगम आयुक्त से अभद्रता और मारपीट के मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे आरोपी पूर्व पार्षद पारस जैन, अजय सिंह और रामकिशोर प्रजापत की जमानत अर्जी पर बहस सुन ली है. अदालत जमानत अर्जी पर 22 जुलाई को फैसला देगी.

जमानत अर्जी में कहा गया कि उन्हें मामले में राजनीतिक द्वेष के चलते फंसाया गया है. प्रकरण में पुलिस ने जांच पूरी कर अनुसंधान पेश कर दिया है. इसके अलावा सहआरोपी सौम्या गुर्जर को जमानत दी जा चुकी है. अर्जी में कहा गया कि प्रकरण में जिन धाराओं के तहत प्रार्थियों पर आरोप लगाए गए हैं, उनमें अधिकतम तीन साल तक की सजा का ही प्रावधान है. ऐसे में उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए.

जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि आरोपियों ने लोक सेवक के साथ मारपीट करते हुए काम में बाधा पहुंचाई है. ऐसे में उन्हें जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने जमानत अर्जी पर 22 जुलाई को फैसला देना तय किया है.

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गौरतलब है की नगर निगम कमिश्नर यज्ञमित्र सिंह ने सौम्या गुर्जर, तत्कालीन पार्षद पारस जैन, अजय सिंह, शंकर शर्मा और रामकिशोर प्रजापत के खिलाफ मारपीट और अभद्रता करने का आरोप लगाते हुए ज्योति नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. जिस पर अनुसंधान करते हुए पुलिस ने एक जुलाई को सौम्या सहित चारों पार्षदों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया था.

कोर्ट ने चालान पर प्रसंज्ञान लेते हुए सौम्या के अलावा अन्य चारों आरोपियों के गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे. वहीं सौम्या गुर्जर ने 13 जुलाई को पेश होकर अदालत से जमानत ली थी.

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