जयपुर. लाख कोशिशों के बावजूद प्रदेश में पक्षियों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. पूरे राजस्थान में आज गुरुवार को एक दिन में 281 पक्षियों की मौत हुई है. जिनमें 165 कौए, 20 मोर, 42 कबूतर और 54 अन्य पक्षी शामिल हैं.
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14 जनवरी को प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार 16 जिलों में 62 नमूने पॉजिटिव पाए गए हैं. राजस्थान में करीब 16 जिले बर्ड फ्लू से प्रभावित हुए हैं. प्रदेश में 27 जिलों से 266 सैंपल जांच के लिए भोपाल लैब में भेजे जा चुके हैं. श्रीगंगानगर से मृत पक्षियों की भेजी गई सैंपल रिपोर्ट नेगेटिव प्राप्त हुई है. जयपुर में एक दिन में ही 65 पक्षियों की मौत हुई है, जिनमें से 59 कौए और 6 कबूतर शामिल हैं. जयपुर में अब तक 873 पक्षियों की मौत हो चुकी है, जिनमें 781 कौए, 4 मोर, 36 कबूतर, 4 मुर्गी और 48 अन्य पक्षी शामिल हैं.
राजस्थान में बर्ड फ्लू का संकट... आज के आंकड़े...
पूरे प्रदेश की बात की जाए तो आज जयपुर में 65, अलवर में 6, दौसा में 5, झुंझुनू में 10, सीकर में 25, अजमेर में 1, नागौर में 1, कुचामन सिटी में 2, टोंक में 10, भरतपुर में 5, सवाई माधोपुर में 9, श्रीगंगानगर में 10, जोधपुर में 11, बाड़मेर में 8, जैसलमेर में 9, जालोर में 2, पाली में 8, कोटा में 26, बारां में 20, बूंदी में 5, झालावाड़ में 23 और चित्तौड़गढ़ में 20 पक्षियों की मौत हुई है.
प्रदेश के सभी चिड़ियाघरों में विशेष निगरानी और सतर्कता बरती जा रही है. मृत पक्षियों के डिस्पोजल और सैंपल कलेक्शन के दौरान पूर्ण सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं. जयपुर चिड़ियाघर में चार पक्षियों की मौत होने के बाद वन विभाग ने विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. वहीं, रोजाना दिन में हाइपोक्लोराइट सोडियम का छिड़काव किया जा रहा है और पर्यटकों के लिए चिड़ियाघर को बंद भी किया गया है. इसके साथ ही वन कर्मियों को भी पीपीई किट पहनकर पक्षियों की देखरेख करने के लिए निर्देशित किया गया है.
राजस्थान में नहीं थम रहा बर्ड फ्लू का कहर... पोल्ट्री फार्म पर विशेष निगरानी...
पशुपालन विभाग वन विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ दी है और पोल्ट्री फार्म पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. सबसे पहले झालावाड़ में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी. 25 दिसंबर को पहली बार झालावाड़ में कौए के मरने की सूचना मिली थी, जिसके बाद 27 दिसंबर को मारने के कारणों की जांच के लिए सैंपल भोपाल में भेजे गए. जहां बर्ड फ्लू होने की पुष्टि हुई. इसके बाद लगातार प्रदेश में कौओं के मरने के मामले सामने आ रहे हैं.