जयपुर. दौसा में महिला चिकित्सक अर्चना शर्मा के आत्महत्या करने के प्रकरण में सियासी उबाल आ गया है. भाजपा नेता लगातार इस मामले में सरकार और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाकर विरोध कर रहे हैं. हाल ही में पूर्व मंत्री और भाजपा के प्रदेश मंत्री जितेंद्र गोठवाल ने इस मामले में लालसोट में पीड़ित परिवार के साथ धरना देकर 10 लाख रुपए का आर्थिक मुआवजा सहित कई मांग उठाई थी. मामले में पुलिस ने गोठवाल सहित 2 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
इस सुसाइड मामले में ही एक और भाजपा के दिग्गज नेता का नाम सामने आया है. सांसद किरोड़ी लाल मीणा पर मृतक डॉ अर्चना शर्मा के पति ने बेहद संगीन आरोप (kirodi lal Meena Named By Dead Dausa Lady Doctor Husband) लगाए हैं. कहा है कि इस पूरे मामले में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ हंगामा मचाने वालों में कुछ ऐसे भी थे जिन्हें सांसद किरोड़ी लाल मीणा पूर्व में पुलिस कार्रवाई से बचाते रहे हैं.
सांसद किरोड़ी लाल मीणा पर डॉक्टर के पति ने लगाए गंभीर आरोप वहीं, इस मामले में अनुसंधान के नाम पर हिरासत में लेने के लिए बुधवार देर रात करीब 1:45 बजे सादे वस्त्र में पुलिसकर्मी गोठवाल के जयपुर निर्माण नगर स्थित आवास पर पहुंचे. इस दौरान वहां काफी संख्या में भाजपा नेता एकत्रित हो गए और पुलिस का विरोध करने लगे. पूर्व कैबिनेट मंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अरुण चतुर्वेदी भी इस दौरान वहां पहुंचे और उन्होंने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए. एक डेढ़ घंटे विरोध के बाद पुलिस ने गोठवाल को पूछताछ के लिए दौसा लालसोट ले जाया गया. इस दौरान भाजपा से जुड़े कई नेता और पदाधिकारी भी उनके साथ वहां पहुंच गए.
पढ़ें- Dausa Lady Doctor Suicide Case: चिकित्सा मंत्री बोले- दोषियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई
क्या है मामला?:सोमवार (28 मार्च 2022) को लालसोट स्थित निजी हॉस्पिटल में सिजेरियन डिलीवरी के बाद प्रसूता की मौत हो गई थी. जिसके बाद प्रसूता के परिजनों और स्थानीय नेताओं ने मिलकर अस्पताल प्रशासन के बाहर जमकर हंगामा और प्रदर्शन किया. इसके बाद अस्पताल संचालक दंपती के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करवा दिया गया. कथित तौर पर पुलिस कर्मियों की जांच और नेताओं के हंगामे से प्रताड़ित हॉस्पिटल संचालक डॉ अर्चना शर्मा ने मंगलवार को सुसाइड (Dausa Lady Doctor Suicide Row) कर लिया. इस खबर के सामने आने के बाद दौसा सहित प्रदेश के सभी चिकित्सा सेवा से जुड़े लोगों में आक्रोश व्याप्त है. जिसके चलते दौसा जिले के सभी निजी अस्पतालों में कार्यों का बहिष्कार किया गया है सभी चिकित्सा सेवाएं जिले भर में ठप है.