राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

जयपुर: अजमेर पुलिया फुटपाथ पर दिहाड़ी मजदूरों का जमावड़ा, ना मिला शेल्टर होम- ना सोशल डिस्टेंसिंग

जयपुर में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में अजमेर पुलिया पर दिहाड़ी मजदूर झुंड में बैठे नजर आ रहे हैं. वहीं इन मजदूरों को न शेल्टर होम मिला है, न ही प्रशासन इनकी खबर ले रहा है. ऐसे में कोरोना संक्रमण का खतरा यहां मंडरा रहा है.

Jaipur news कोरोना वायरस
अजमेरी पुलिया पर सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ रही धज्जियां

By

Published : Apr 10, 2020, 9:24 PM IST

जयपुर.राजाधानी देश के उन हॉट स्पॉट्स में से एक है, जहां कोरोना वायरस का संक्रमण ने तेजी से पैर पसार रहा है. अब चारदीवारी और रामगंज क्षेत्र के बाद बाहर के इलाकों में भी इस वायरस के संक्रमित मरीज सामने आए हैं. ऐसे हालात में जिला प्रशासन की ओर से किया गया सोशल डिस्टेंसिंग की अपील और इस पर अमल का दावा पूरी तरह से निराधार साबित हो रहा है. जयपुर के अजमेर पुलिया पर यह दावे तब हवा साबित होते हुए नजर आए जब लॉकडाउन के बाद बेरोजगार हुए दिहाड़ी मजदूर और कुछ भिखारी सड़क किनारे फुटपाथ पर झुंड में बैठे हुए खाना बांटने वाले लोगों का इंतजार करते हुए देखे गए.

अजमेरी पुलिया पर सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ रही धज्जियां

जयपुर के अजमेर पुलिया के फुटपाथ पर लोगों का झुंड बैठा नजर आया. यह नजारा इस बात का इशारा करता है कि सोशल डिस्टेंसिंग का दावा जयपुर में पूरी तरह से ध्वस्त है. खास बात यह है कि अजमेर पुलिया के दोनों तरफ पुलिस की नाकेबंदी रहती है. हर घंटे में यहां से कानून को अमल में लाने वाले बड़े अधिकारियों की आवाजाही भी होती रहती है. इस पुलिया से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर पुलिस कमिश्नरेट है. वहीं ढाई किलो मीटर की दूरी पर जयपुर कलेक्ट्रेट है. वहीं पुलिया पर बैठे ये लोग इसके बावजूद इन अधिकारियों को नजर नहीं आते हैं. इसका खामियाजा आने वाले वक्त में किसी बड़े संक्रमण का इशारा करता है.

पेवमेंट पर लगा जमावड़ा

यह भी पढ़ें.SPECIAL: भीलवाड़ा के गाडोलिया और बागरिया समाज के सामने रोटी का संकट

जाहिर है कि पहले भी ईटीवी भारत कई क्षेत्रों में बढ़ रहे संक्रमण के पीछे सोशल डिस्टेंसिंग की अवमानना को उजागर करता रहा है. अब यह तस्वीर भी इस बात का इशारा कर रही है कि प्रधानमंत्री समेत मुख्यमंत्री और तमाम लोग यह अपील कर रहे हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग को सख्ती से लागू किया जाए. प्रशासन और पुलिस को इसे अमल में लाने के लिए पाबंद भी किया जा रहा है. इसके बावजूद इसके जो प्रयास है, वह सफल होते हुए नजर नहीं आ रहे हैं.

बिना सुविधा के बैठा मजदूर

हालात, यह है कि इन लोगों को ना तो शेल्टर होम की जानकारी है और ना ही अब तक कोई सरकारी नुमाइंदा इनको शेल्टर होम तक ले जाने के लिए पहुंचा था. इन परिस्थितियों में सवाल इस बात का भी है कि जब स्क्रीनिंग घर-घर शुरू होगी तो फुटपाथ पर मौजूद इन लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कैसे होगा. वहीं समाज सेवा के नाम पर इनको वक्त वक्त पर खाना पहुंचाने वालों पर भी खतरा मंडरा रहा है.

फुटपाथ पर लोगों का झुंड

यह भी पढ़ें.SPECIAL: बूंदी के युवा ने महज 30 रुपए लागत से बनाया मास्क, कोरोना वॉरियर्स को बांटा जा रहा नि:शुल्क

अगर इसी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं होगी तो राजस्थान में एक हॉटस्पॉट के रूप में कोरोना वायरस के संक्रमण क्यों लेकर जयपुर की बिगड़ी तस्वीर का नजारा और वीभत्स हो सकता है. जिसका खामियाजा शहर की हर शख्स को उठाना पड़ेगा. ऐसे में ईटीवी भारत प्रशासन को यह तस्वीर दिखा कर जल्द इन हालात को बेहतर बनाने की अपील करता है. वहीं लोगों से भी यह गुजारिश करता है कि स्वस्थ देश के लिए सब मिलकर प्रयास करें. तब ही कोशिश कामयाब होगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details