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संकट पर संकट...लॉकडाउन में होटल 'तालेबंदी', पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह ठप - Rajasthan Tourism News

वैश्विक महामारी कोरोना के कारण किए गए लॉकडाउन का असर पर्यटन और होटल व्यवसाय पर भी पड़ रहा है. बीते 20 दिन में ही होटल व्यवसाय जमीन पर आ गए हैं. वहीं, होटल व्यवसायियों का कहना है कि भारत में अब भी वक्त है स्थिति को संभालने का, लेकिन यह सब कुछ आमजन के हाथों में ही है.

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लॉकडाउन में होटल 'लॉक'

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Published : Apr 19, 2020, 12:57 PM IST

Updated : May 25, 2020, 1:19 PM IST

जयपुर. कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन का असर भले ही मौजूदा हालात में आमजन पर पड़ रहा है, लेकिन पर्यटन और होटल व्यवसायी अपने व्यवसाय के भविष्य को लेकर चिंतित हैं. दोनों व्यवसायों पर आशंकाओं के बादल छा चुके हैं. जिसको छंटने में छह महीने से अधिक का समय लगेगा.

लॉकडाउन में होटल 'लॉक'

बता दें कि होटलों में होने वाले शादी समारोह से लेकर सरकारी कॉन्फ्रेंस, पर्यटन विभाग की ओर से लगने वाले मेले सहित अन्य निजी कार्यक्रम रद्द हो चुके हैं. जिससे राजधानी सहित प्रदेशभर के होटल व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों को होटल के खर्चों से लेकर बिजली सहित कर्मचारियों को वेतन देने की चिंता सता रही है.

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50 फीसदी बुकिंग हमेशा रहती थी...

पर्यटन की दृष्टि से जयपुर में हर महीने बड़ी तादाद में सैलानी पहुंचते हैं. इससे ही होटल, पर्यटन सहित अन्य व्यवसाय जुड़े हैं. लेकिन बीते 20 दिन में होटल व्यवसाय भी जमीन पर आ गए हैं. व्यापारियों की मानें तो अब उन्हें इससे उबरने में 6 महीने से ज्यादा का वक्त लगेगा. व्यवसायियों को कहना है कि होटल्स में हमेशा 50 प्रतिशत एडवांस बुकिंग रहती थी. लेकिन लॉकडाउन के कारण वह सब रद्द हो चुकी है. साथ ही हर महीने 150 करोड़ रुपए का टर्नओवर होटलों से होता है.

आगामी बुकिंग का कुछ पता नहीं

होटल व्यापारियों का कहना है कि होटलों में आगामी बुकिंग का कुछ पता नहीं है. उनका कहना है कि भारत में अब भी वक्त है स्थिति को संभालने का, लेकिन यह सब कुछ आमजन के हाथों में ही है. आमजन घर में रहकर आगामी दिनों में लॉकडाउन की पालना करें तो स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सकता है.

अकेले जयपुर में 1300 से ज्यादा होटल

जयपुर होटल एंड बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दिलीप तिवारी ने बताया, कि जयपुर में 1300 से ज्यादा फाइव, फोर, थ्री स्टार और बजट क्लास होटल्स हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश के अन्य जिलों में करीब 9 हजार से ज्यादा सभी तरह के होटल्स और रिसोर्ट हैं. तिवारी का कहना है कि एक छोटे होटल में 25 से ज्यादा और बड़ी होटल में 200 से ज्यादा कर्मचारी शिफ्ट वाइज काम करते हैं. इन्हें नौकरी से निकालते हैं तो बेरोजगारी बढ़ेगी.

होटल एंड बार एसोसिएशन ने सरकार से की ये मांग

  • 6 महीने का फिक्स बिल का भुगतान हटाने की मांग
  • 2019-20 के रिन्यूल को 2021-22 का माना जाए
  • कर्मचारियों को आधा वेतन देने की मांग
  • राजस्थान में सरकारी टैक्स को करें कम
  • सरकार माफ करें 6 महीने के बिजली-पानी के बिल
  • नगर निगम की फीस कम करने की मांग

श्रमिक वर्ग पर पड़ेगा असर

होटल एंड बार एसोसिएशन अध्यक्ष दिलीप तिवारी ने बताया कि कई महीने तक पर्यटक संक्रमण के डर से आगे नहीं आएगा. उनका कहना है कि इस लॉकडाउन का व्यवसाय से श्रमिक वर्ग पर ज्यादा असर पड़ेगा.

Last Updated : May 25, 2020, 1:19 PM IST

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