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Commissionerate System : 2011 में जयपुर और जोधपुर में लागू की गई कमिश्नरेट प्रणाली हो रही फेल, लगातार बढ़ रहा अपराध का ग्राफ - Crime graph in Jodhpur

जयपुर और जोधपुर में अपराध के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही (Crime rate increased in Jaipur and Jodhpur) है. जबकि दोनों जिलों में कमिश्नरेट प्रणाली लागू है. दोनों जिलों में यह व्यवस्था साल 2011 से ही अमल में आ गई थी. भले ही पुलिस अधिकारी अपराध और अपराधियों पर नियंत्रण की बात करते हों, लेकिन उन्हें के विभाग के आंकड़े बढ़ते अपराध की साफ तस्वीर दिखाती है.

Crime rate increased in Jaipur and Jodhpur
2011 में जयपुर और जोधपुर में लागू की गई कमिश्नरेट प्रणाली हो रही फेल, लगातार बढ़ रहा अपराध का ग्राफ

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Published : Jul 19, 2022, 6:47 PM IST

जयपुर.प्रदेश की राजधानी जयपुर और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में अपराध पर नियंत्रण करने व कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए गहलोत सरकार ने जनवरी 2011 में कमिश्नरेट प्रणाली लागू की थी. हालांकि कमिश्नरेट प्रणाली लागू करने का कोई खास असर देखने को नहीं मिल रहा (No impact of commissionerate system)है. दोनों ही शहरों में अपराध का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. अपराध के कुछ मामलों में जरूर कमी देखने को मिली, लेकिन संगीन अपराधों में लगातार हो रही बढ़ोतरी ने कानून व्यवस्था पर अनेक सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं. राजधानी जयपुर जहां सूबे की सरकार बैठती है, जब वहां ही पुलिस अपराध पर लगाम लगाने में नाकामयाब सिद्ध हो रही है, तो प्रदेश के अन्य जिलों में अपराध का क्या ग्राफ होगा, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती.

जयपुर में यह है अपराध की स्थिति:जयपुर पुलिस के आला अधिकारी लगातार यही बात कहते हैं कि राजधानी में अपराध नियंत्रण में है और अपराध व अपराधियों के खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है. वहीं दूसरी ओर जयपुर पुलिस के खुद के आंकड़े उनकी पोल खोलते हुए नजर आ रहे (Crime graph in Jaipur) हैं. यदि बात वर्ष 2021 की बात करें तो जयपुर में जून माह तक हत्या के 52, हत्या के प्रयास के 41, बलात्कार के 234, अपहरण के 278, बलवा के 11, डकैती के 4, लूट के 67, नकबजनी के 367 और चोरी के 3502 मामले दर्ज किए गए थे. वहीं वर्ष 2022 में जून माह तक राजधानी जयपुर में हत्या के 68, हत्या के प्रयास के 57, बलात्कार के 317, अपहरण के 392, बलवा के 21, डकैती के 2, लूट के 85, नकबजनी के 437 और चोरी के 4296 मामले दर्ज किए गए हैं. केवल डकैती के प्रकरणों को छोड़कर बाकी के तमाम संगीन अपराधों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

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जोधपुर में यह है अपराध की स्थिति: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर कि यदि बात करें (Crime graph in Jodhpur) तो वर्ष 2021 में जून माह तक हत्या के 23, हत्या के प्रयास के 38, बलात्कार के 84, अपहरण के 84, लूट के 15, नकबजनी के 174 और चोरी के 878 प्रकरण दर्ज किए गए. वहीं यदि बात वर्ष 2022 के जून माह तक की करें तो हत्या के 14, हत्या के प्रयास के 56, बलात्कार के 103, अपहरण के 105, लूट के 42, नकबजनी के 178 और चोरी के 846 प्रकरण दर्ज किए गए. हत्या और चोरी के प्रकरणों को छोड़कर अन्य सभी संगीन अपराधों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

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प्रदेश में यह है अपराध की स्थिति: यदि बात पूरे प्रदेश में अपराध के ग्राफ की करें तो वर्ष 2021 में जून माह तक हत्या के 856, हत्या के प्रयास के 1002, डकैती के 47, लूट के 672, अपहरण के 3808, बलात्कार के 3022, बलवा के 126, नकबजनी के 3220 और चोरी के 15830 प्रकरण दर्ज किए गए थे. वहीं वर्ष 2022 में अपराध का आंकड़ा काफी बढ़ गया है और जून माह तक हत्या के 934, हत्या के प्रयास के 1262, डकैती के 46, लूट के 802, अपहरण के 4691, बलात्कार के 3617, बलवा के 136, नकबजनी के 3751 और चोरी के 19753 प्रकरण दर्ज किए गए हैं.

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