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Exclusive : क्या है होम बेस्ड कोविड टेस्टिंग किट और कैसे करता है काम ? ETV Bharat पर जानिये एक्सपर्ट की राय - sms hospital jaipur

अब 12 से 24 घंटे के इंतजार के बजाए लोग घर बैठे कोरोना जांच कर सकेंगे. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने रैपिड एंटीजन टेस्ट का उपयोग कर घरेलू टेस्ट के लिए एडवाइजरी जारी की है. जल्द राजधानी जयपुर में भी आरएटी (Rapid Antigen Test) शुरू किया जाएगा. हालांकि, एक्सपर्ट्स के अनुसार 50 फीसदी केस में रिपोर्ट फॉल्स नेगेटिव आने की संभावना रहती है. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत ने एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी से खास बातचीत की. आप भी जानिये इस बातचीत की अहम बातें...

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जयपुर में जल्द शुरू होगी रैपिड एंटीजन टेस्टिंग किट से जांच

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Published : May 21, 2021, 7:38 AM IST

जयपुर. कोरोना काल में राज्य सरकार की ओर से नियमित जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा है. लोग मामूली लक्षण आने के साथ ही टेस्ट सेंटर पर पहुंच कर जांच करा रहे हैं. इस बीच जांच की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए आईसीएमआर (Indian Council of Medical Research) से कोरोना टेस्ट के लिए होम बेस्ट टेस्टिंग किट को मंजूरी मिल गई है.

एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी, Exclusive Interview

आरटीपीसीआर टेस्ट में जहां 12 से 24 घंटे में रिपोर्ट आती है, वहीं आरएटी रिपोर्ट घर बैठे 1 से 2 घंटे में प्राप्त हो जाती है. हालांकि, इसकी नेगेटिव रिपोर्ट फॉल्स भी हो सकती है. SMS मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी के अनुसार होम बेस्ड मेडिकल किट के दो कंपोनेंट होते हैं. पहली मेडिसिन और दूसरी रैपिड एंटीजन टेस्ट. इसकी आवश्यकता को लेकर उन्होंने कहा कि 80 फीसदी लोग एसिंप्टोमेटिक होते हैं. उनमें कोई लक्षण नहीं होते, लेकिन वो स्प्रेडर होते हैं. कोविड संक्रमण फैला सकते हैं.

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आरएटी प्रत्येक कोविड सस्पेक्ट में किया जाना चाहिए. हालांकि, इसकी करेक्टनेस 50 फीसदी होती है. इसका फायदा यही है कि 1 से 2 घंटे में कोरोना होने, नहीं होने की जानकारी मिल जाती है. इसमें कम समय में अधिक लोगों को स्प्रेडर बनने से पहले स्क्रीनिंग की जा सकती है. आरएटी से प्राप्त हुई नेगेटिव रिपोर्ट का ये मतलब नहीं कि आरटीपीसीआर टेस्ट पॉजिटिव नहीं हो सकता. ऐसे में पॉजिटिव के अलावा नेगेटिव सैंपल की आरटीपीसीआर टेस्ट कर एक्चुअल रिपोर्ट प्राप्त की जा सकेगी.

एक्सपर्ट्स के अनुसार 50 फीसदी केस में रिपोर्ट फॉल्स नेगेटिव आने की संभावना...

यही वजह है कि इस टेस्ट को दो भागों में बांटा गए है. पहला पॉजिटिव टेस्ट जो 50 फीसदी लोगों में आता है, दूसरा नेगेटिव टेस्ट जो पूरी तरह सही हो ये जरूरी नहीं है. लेकिन उनका आरटीपीसीआर टेस्ट कर सही रिपोर्ट प्राप्त की जा सकती है. इससे समय की भी बचत होगी. इसे मास स्क्रीनिंग के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है.

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आरएटी किट का प्रयोग कोरोना संक्रमण के लक्षण या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हुए लोग कर सकते हैं. हालांकि, अभी किट बाजार में उपलब्ध नहीं है. जयपुर में इसे लेकर कवायद शुरू हो गई है. चूंकि भारत में एक ही कंपनी को इसकी मंजूरी दी गई है. ऐसे में उपलब्धता होने पर कोरोना की जांच करना आसान होगा.

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