जयपुर. लॉकडाउन में एक राज्य से दूसरे राज्य में मजदूरों को पहुंचाने का काम चल रहा है. राजस्थान में अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों को 14 दिन के लिए होम क्वॉरेंटाइन भी करना आवश्यक है. होम क्वॉरेंटाइन किए गए इन मजदूरों पर नजर रखने के लिए ग्राम स्तर पर समितियां भी बनाई गई है.
मजदूरों पर नजर रखेगा कोविड-19 क्वॉरेंटाइन अलर्ट सिस्टम वहीं, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने कोविड-19 क्वॉरेंटाइन अलर्ट सिस्टम (सीक्यूएएस) बनाया है. इस सिस्टम के अनुसार यदि होम क्वॉरेंटाइन किया गया मजदूर 300 मीटर के दायरे को पार करता है तो मजदूर के मोबाइल पर चेतावनी संदेश पहुंच जाएगा. साथ ही प्रशासन को भी उसका मूवमेन्ट में दिखाई देगा. इस सिस्टम पर डीएम और एसडीएम अपने स्तर पर निगरानी भी रखेंगे.
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सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के उप नियंत्रक रितेश कुमार शर्मा ने बताया कि यदि मजदूर चेतावनी मैसेज के बाद भी नहीं मानता है तो उसे संस्थागत क्वॉरेंटाइन में रखा जाएगा. अगर जरूरत पड़ी तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.
शर्मा ने बताया कि कोविड-19 स्टैटिक्स पोर्टल पर फॉर्म नंबर 4 में बाहरी राज्यों से आने वाले मजदूरों के नाम, पता उनके मोबाइल नंबर की एंट्री की जाती है. उसी के आधार पर कोविड-19 क्वॉरेंटाइन अलर्ट सिस्टम काम करता है. रितेश कुमार शर्मा ने कहा कि यदि किसी के पास की-पैड वाला फोन है उसमें भी यह अलर्ट सिस्टम काम करेगा.