जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सहकारिता अधिकरण में अधिवक्ता कोटे से नियुक्त होने वाले सदस्य पद पर नियुक्ति देने पर लगी रोक को हटा लिया है. अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता ने भर्ती में शामिल होने के बाद उस पर रोक लगाने के लिए याचिका पेश की है. न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश मुश्ताक मोहम्मद की याचिका में सुरेश शर्मा की ओर से स्टे हटाने को लेकर दायर प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.
प्रार्थना पत्र में कहा गया कि अधिकरण में सदस्य पद पर पांच साल के लिए नियुक्ति की जाती है. याचिकाकर्ता का कार्यकाल जून 2018 में पूरा हो चुका है. वहीं उसके कार्यकाल को अवैध रूप से बढ़ाया गया है. कोरोना के दौरान राज्य सरकार ने भर्ती विज्ञापन जारी कर याचिकाकर्ता सहित अन्य का साक्षात्कार ले लिया, लेकिन बाद में उसका परिणाम जारी नहीं किया गया. इसके बाद राज्य सरकार ने 11 नवंबर 2020 को पुन: आवेदन मांग लिए, जिसमें याचिकाकर्ता और प्रार्थना पत्र पेश करने वाले सुरेश शर्मा ने आवेदन किया.