जयपुर. किराया अधिकरण मामलों की विशेष अदालत क्रम-2 महानगर प्रथम ने पूर्व राजपरिवार की संपत्ति रामबाग स्टाफ क्वार्टर में विगत सात दशकों से रहे परिवार को कब्जा खाली करने के आदेश दिए (Court orders to vacate Rambagh Staff Quarters) हैं. अदालत ने माना की प्रतिवादी संपत्ति पर अतिक्रमी है. वहीं अदालत ने प्रतिवादी मोहन सिंह को वाद दायर करने से वास्तविक कब्जा प्राप्ति कर हर माह 1500 रुपए हर्जाना देने को कहा है.
अदालत ने यह आदेश एसएमएस इंवेस्टमेंट कार्पोरेशन प्रा.लि. के दावे पर दिए. दावे में कहा गया कि प्रतिवादी के पिता नंदा पूर्व महाराजा सवाई मानसिंह के पास बटलर के तौर पर कार्यरत थे. जिनकी सेवाएं बाद में वादी कंपनी को अर्पित कर दी गई. सेवाकाल के दौरान नंदा को रहने के लिए रामबाग स्टाफ क्वाटर्स में निशुल्क आवास दिया गया था. वहीं नंदा वर्ष 1992 में सेवानिवृत्त हो गई. इसके बाद भी प्रतिवादी पक्ष ने बहाने बनाते हुए आवास खाली नहीं किया. इस दौरान प्रतिवादी के पिता की मौत हो गई.