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जेल नियम और चालानी गार्ड की भर्ती को लेकर सरकार पेश करे शपथ पत्र-कोर्ट - चालानी गार्ड की भर्ती

जेल नियम और कैदी बिल सहित चालानी गार्ड की भर्ती के संबंध (Prisoner welfare case) में हाईकोर्ट ने राज्‍य सरकार से शपथ पत्र पेश करने को कहा है. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 23 सितंबर को तय की है. बता दें कि जेल में मोबाइल मिलने और कैदियों के कल्याण को लेकर हाईकोर्ट ने पूर्व में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया था.

Court asked affidavit from government in prison welfare case
जेल नियम और चालानी गार्ड की भर्ती को लेकर सरकार पेश करे शपथ पत्र-कोर्ट

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Published : Sep 22, 2022, 8:57 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कैदियों के कल्याण से जुडे़ मामले में राज्य सरकार को कहा है कि वह जेल नियम (Jail rules in Rajasthan) और कैदी बिल सहित चालानी गार्ड की भर्ती के संबंध में जल्द से जल्द शपथ पत्र पेश करे. इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई 23 सितंबर को तय की है. जस्टिस प्रकाश गुप्ता और जस्टिस अनूप ढंड की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान अदालती आदेश की पालना में अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव अदालत में पेश हुए. वहीं महाधिवक्ता की ओर से जेल नियम और कैदी बिल पारित कराने के लिए समय मांगा. अदालत के पूछने पर महाधिवक्ता ने कहा कि इसके लिए 6 माह का समय दिया जाए. इस पर अदालत ने कहा कि 6 माह का समय कम नहीं होता है. वहीं अदालत ने इस संबंध में जल्द से जल्द शपथ पत्र पेश करने के आदेश देते हुए प्रकरण की सुनवाई शुक्रवार तक टाल दी.

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गौरतलब है कि राज्य सरकार की ओर से गत दिनों रिपोर्ट पेश कर कहा गया था कि नए जेल नियमों के लिए गत 22 जुलाई को तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी सितंबर माह के अंत तक ड्राफ्ट बिल प्रशासन को सौंप देगी. इसके अलावा डूंगरपुर, अकलेरा, चूरू के राजगढ़ और हनुमानगढ़ जेल में नए बैरक बनाए जा रहे हैं. वहीं खुली जेल में भी निर्माण कराया जा रहा है.

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रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि पेट्रोल पंप खोलने के लिए 18 जेल चिन्हित की गई हैं. इनमें से जयपुर, कोटा, अलवर, भरतपुर और अजमेर जेल में पेट्रोल पंप खोलने के लिए सहमति मिल चुकी है. वहीं जयपुर में 5 जुलाई, 2020 को पंप खोला जा चुका है. इसके जवाब में न्यायमित्र प्रतीक कासलीवाल ने कहा था कि 16 अक्टूबर, 2019 को राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को आश्वस्त किया था कि मार्च 2020 तक नए जेल नियम विधानसभा से पारित हो जाएंगे.

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इसके अलावा चालानी गार्ड की भर्ती भी पूरी कर ली जाएगी. इसके बावजूद अब तक न तो जेल नियम बने और ना ही अन्य निर्देशों की पालना हुई. इस पर अदालत ने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पेश होने के आदेश दिए थे. गौरतलब है कि जेल में मोबाइल मिलने और कैदियों के कल्याण को लेकर हाईकोर्ट ने पूर्व में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया था. वहीं सुनवाई के दौरान अदालत ने 45 बिन्दुओं पर दिशा-निर्देश दिए थे.

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