जयपुर.प्रदेश भाजपा में चल रही गुटबाजी के बीच हुई कार्यसमिति (Rajasthan BJP State Working Committee) की बैठक में अशोक गहलोत सरकार को घेरने की रणनीति भी बनी और इसके लिए राजनीतिक प्रस्ताव भी पास हुआ. हालांकि, आला नेताओं के बयानों में पार्टी के भीतर के बयान वीरों को नसीहत देने का काम जरूर हुआ. बैठक में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे वर्चुअल रूप से जुड़ीं और इसी दौरान अपने संबोधन में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने उन बयानवीरों को भी नसीहत दी जो वसुंधरा राजे के समर्थन में बयान दे रहे हैं.
पूनिया ने किसी भी विधायक या नेता का नाम लिए बगैर ही कहा कि हमें सिखाया जाता है पहले देश, फिर पार्टी और तीसरे नंबर पर व्यक्ति. पूनिया की नसीहत अप्रत्यक्ष रूप से उन वसुंधरा राजे समर्थक नेताओं को थी, जो वसुंधरा राजे को भाजपा और भाजपा को वसुंधरा राजे बता रहे थे. कहा कि अब जल्द से जल्द हम सबको पन्ना प्रमुख तक के पद का निर्माण का कार्य पूरा करना है और प्रदेश भाजपा को और अधिक सशक्त बनाना है. इस दौरान पूनिया ने प्रदेश भाजपा की ओर से किए गए सेवा कार्यों को भी गिनाया.
बैठक में उम्मीद के हिसाब से कुछ नहीं हुआ
कार्यसमिति की बैठक से इस बात की उम्मीद लगाई जा रही थी कि पार्टी के भीतर वसुंधरा राजे समर्थक और विरोधियों के बयानों से टूट रही पार्टी को जोड़ने का काम होगा. पार्टी विरोधी बयान और अनुशासनहीनता करने वालों को सख्त हिदायत दी जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. कार्यसमिति की बैठक विशुद्ध रूप से संगठनात्मक रही जिसमें केंद्र की मोदी सरकार की ओर से कोरोना काल में किए गए कार्यों की सराहना की गई. प्रदेश भाजपा के सेवा ही संगठन के कार्यों को भी बताया गया.
राजनीतिक प्रस्ताव की जानकारी देने के लिए मीडिया से नेता प्रतिपक्ष गुलाब कटारिया और उपनेता राजेंद्र राठौड़ मुखातिब हुए. बताया कि राजनीतिक प्रस्ताव में शामिल विषयों को जिला और मंडल स्तर तक ले जाकर पारित कराया जाएगा और प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा. दोनों नेताओं ने सरकार को हर मोर्चे पर विफल करार दिया और मीडिया में कथित रूप से नाकामयाबी भी गिनाई.