जयपुर. कोरोना काल में करीब 10 महीने तक स्कूल बंद रहने से ना केवल बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई बल्कि बच्चों का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हुआ है. बच्चे ना केवल एकाकीपन और बोरियत से जूझ रहे थे बल्कि उनकी दिनचर्या भी अस्त-व्यस्त हो गई थी. लेकिन, अब स्कूल खुलने के बाद बच्चों की तंदुरुस्ती की राह भी प्रशस्त हुई है. स्कूल खुलने के बाद ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है.
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बच्चों और शिक्षकों के साथ ही अभिभावकों ने भी यह बात स्वीकार की है कि स्कूल खुलने से पढ़ाई तो सुचारू हुई ही है, इसके साथ ही उनका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य भी सुचारू हुआ है. अभिभावकों का यह भी कहना है कि कोरोना संक्रमण का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है. इसलिए इससे बच्चों को बचाने के लिए सभी प्रयास अभिभावकों के स्तर पर और स्कूल के स्तर पर भी किए जा रहे हैं.
डाउट नहीं होता था क्लियर
राजधानी जयपुर की रामदेव पोद्दार राजकीय उच्च मध्यमिक स्कूल के विद्यार्थी भवानी सिंह का कहना है कि ऑनलाइन क्लासेज में पढ़ाई तो हो जाती थी, लेकिन कोई सवाल पूछना होता या किसी टॉपिक पर कोई डाउट होता तो वह क्लियर नहीं हो पाता था. कई बार तो नेटवर्क की कनेक्टिविटी प्रॉपर नहीं होने से भी पढ़ाई में व्यवधान आता था. अब जब स्कूल खुल गए हैं तो पढ़ाई सुचारू हो पा रही है. क्लास में को इंटरेक्शन होता है, उससे किसी भी टॉपिक को समझना आसान होता है. उनका यह भी कहना है कि 40 फीसदी कोर्स कम करने से पढ़ाई का प्रेशर स्वाभाविक रूप से कम हुआ है.
कोरोना संक्रमण से बचने का कर रहे प्रयास
विद्यार्थी विपिन का कहना है कि अभी कोरोना संक्रमण का खतरा टला नहीं है. इसलिए पूरी एहतियात बरत रहे हैं. टिफिन के साथ ही पानी की बोतल भी घर से ला रहे हैं. पूरे समय मास्क लगाकर रखते हैं और सैनेटाइजर भी हमेशा साथ रखते हैं. उनका कहना है कि स्कूल में भी जगह-जगह साबुन से हाथ धोने और सैनेटाइज करने की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही क्लासरूम में शारीरिक दूरी का पालन कर और अलग-अलग लंच कर भी वे कोरोना संक्रमण से अपने आप को महफूज रखने का प्रयास कर रहे हैं.
ऑनलाइन पढ़ाई में होती थी परेशानी
छात्रा नेहा चाहर बताती हैं कि जब वह घर पर रहकर ऑनलाइन पढ़ाई करती थी तो काफी परेशानी भी उठानी पड़ती थी. कभी नेटवर्क की समस्या तो कभी कुछ और दिक्कत, लेकिन जब से स्कूल खुली है पढ़ाई तो सुचारू हुई ही है इसके साथ ही घर पर होने वाली बोरियत भी दूर हुई है. उनका यह भी कहना है कि क्लासरूम में जो टीचर पढ़ाते हैं उसका मुकाबला ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर सकती है.