जयपुर.साल 2020 में कोरोना की लहर के दौरान सड़कें सूनी थीं. भाजपा के कार्यकर्ता और नेता इन्हीं सड़कों, गली मोहल्लों में सेवा कार्य करते नजर आते थे. जनता रसोई के नाम पर भोजन पैकेट निर्माण और वितरण का काम हो या फिर सूखा राशन और मास्क सैनेटाइजर के निशुल्क वितरण का काम. हर जगह सेवा कार्य धरातल पर नजर आ रहे थे.
इस साल कोरोना का लहर ज्यादा घातक है और मौतों के आंकड़े भी ज्यादा हैं. लेकिन बीजेपी का सेवा कार्य अब पहले की तरह गति नही पकड़ पाया. हालांकि वर्चुअल प्लेटफार्म पर बीजेपी नेता इसे अंजाम देने में जुटे हैं. इसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया और ट्विटर पर मेडिकल से जुड़ी मदद मांगने और उसे पूरा करने के प्रयास भी किये जा रहे हैं.
बीजेपी का सेवा कार्य : पिछले वर्ष से तुलना
पिछले साल कोरोना की पहली लहर में बीजेपी ने 28 मार्च से 27 अप्रैल 2020 तक सेवा कार्य चलाया था. वहीं इस बार 21 अप्रैल से लेकर 12 मई तक सेवा ही संगठन के रूप में यह सेवा कार्य किए गए. अब इन में हुए कार्यों के आंकड़े को तुलनात्मक रूप से देखें तो इस बात का अंदाजा लग जाएगा कि पिछले साल की तुलना में इस बार कोरोना का में प्रदेश भाजपा का सेवा कार्य बहुत कम हुआ.
दूध के जले हैं भाजपा नेता...
कोरोना संक्रमण की पहली लहर में भाजपा के लगभग सभी नेता कोरोना की चपेट में आ गए थे. जो नहीं आए वो दूसरी लहर की भयानक तक को देखते हुए खुद को अपने घरों तक सीमित रखे हुए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने बढ़ती उम्र के चलते खुद को अपने आवास तक सीमित रखा हुआ है. उपनेता राजेंद्र राठौड़ भी इस महामारी में अपना अधिकतर समय जयपुर आवास पर ही बिता रहे हैं. जयपुर शहर से आने वाले भाजपा के कुछ मौजूदा और पूर्व विधायकों के भी यही हाल हैं. हालांकि इन नेताओं की मीडिया में बयान जारी करने की रफ्तार में कोई कमी नहीं आई है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया अपने विधानसभा क्षेत्र आमेर में समय-समय पर दौरा कर स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी लेते रहते हैं.