जयपुर. केंद्रीय कृषि कानून के विरोध में किसान आंदोलन के 7 महीने पूरे होने पर मोदी सरकार के खिलाफ किसान संगठनों ने धरना प्रदर्शन किया. किसान संगठनों ने सभी राज्यों की राजधानी में राज्यपाल को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. इसी कड़ी में जयपुर में किसान संगठनों के साथ विभिन्न श्रमिक और जन संगठनों, वामदलों और धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दलों ने संयुक्त ज्ञापन राज्यपाल कलराज मिश्र को सौंपा. राज्यपाल जयपुर में नहीं थे तो उनके प्रतिनिधि को किसान संगठनों ने ज्ञापन सौंपा.
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किसान संगठन पहले शहीद स्मारक पर इकट्ठा हुए. रैली निकालने की परमिशन नहीं होने और कोरोना के चलते धारा 144 लगी होने के बाद भी पुलिस ने संगठनों को नहीं रोका. किसान संगठनों के नेता, कार्यकर्ताओं ने राजभवन की तरफ कूच किया. इस दौरान पुलिस कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रदर्शनकारी किसानों के आगे-आगे चलती नजर आई. किसानों ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की. वहीं दूसरी ओर कोरोना गाइडलाइन की भी जमकर धज्जियां उड़ी. किसानों को समर्थन देने के लिए बड़ी तादाद में लोग आ गए. जिन्होंने मास्क भी नहीं लगा रखे थे.
रैली में उड़ी कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां 31 संगठन हुए रैली में शामिल
राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल को ज्ञापन देने से पहले निकाली गई रैली में सीपीआई, सीपीएम, सीपीआईएमएल, समाजवादी पार्टी, राजस्थान समग्र सेवा संघ, राजस्थान नागरिक मंच, राजस्थान किसान यूनियन टिकैत, सीटू, एटक, एक्टू, इंटक, एचएमएसआर, जनवादी महिला समिति, एनएफआई डब्ल्यू, जाट महासभा, राजस्थान जमात-ए-इस्लामी हिंद, राजस्थान भारतीय किसान यूनियन, ग्रामीण मजदूर किसान समिति, अखिल भारतीय किसान सभा, अखिल भारतीय किसान महासभा, राजस्थान किसान सभा, जनवादी लेखक संघ, जन संघर्ष मोर्चा समेत कुल 31 संगठन शामिल हुए.
किसान आंदोलन के 7 महीने पूरे होंने पर किसान संगठनों का प्रदर्शन निम्न मांगे की गई
- तीनों कृषि कानून वापस लेने, बिजली विधेयक 2020 रद्द करने और एमएसपी की कानूनन गारंटी देने की मांग
- श्रमिक विरोधी चारों कोड रद्द करने की मांग
- स्वास्थ्य सेवाओं पर समुचित ध्यान देते हुए सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जीवन रक्षक तमाम संसाधन व दवाइयां उपलब्ध करवाने की मांग
- प्रत्येक जरूरतमंद परिवार को 10 किलो अनाज, दालें, खाद्य तेल, चीनी, चायपत्ती, मसाले अगले 6 महीने तक निशुल्क प्रदान करने की मांग
- पेट्रोल-डीजल के आसमान छू रहे दामों पर रोक लगाकर बढ़े हुए दाम वापस लेने की मांग के साथ ही आवश्यक खाद्य वस्तुओं के दाम कम करने की मांग
- बीपीएल की श्रेणी में नहीं आते उनके खातों में हर महीने 7500 रुपये आर्थिक सहायता के लिए 6 महीने तक देने की मांग
- रसोई गैस पर अनुदान चालू करते हुए बड़े हुए दाम वापस लेने की मांग
- जनतंत्र का गला घोटने वाले यूएपीए जैसे कानून समाप्त करने की मांग