जयपुर.कोरोना वायरस के चलते प्रदेशभर की यूनिवर्सिटी और कॉलेज में परीक्षाएं स्थगित हुई थी. उसके बाद से ही लगातार संशय बना हुआ था कि उच्च शिक्षा विभाग परीक्षाओं को लेकर क्या फैसला लेगा.
परीक्षाओं पर फैसले के लिए उच्च शिक्षा विभाग की ओर से एक कमेटी बनाई और कमेटी की रिपोर्ट पेश होने के बाद अब उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश की यूनिवर्सिटीज और कॉलेज की परीक्षाओं को लेकर बड़ा फैसला लिया है.
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उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि राज्य सरकार विद्यार्थियों के हितों की रक्षा के प्रति हमेशा से ही सजग रही है. कोविड-19 वैश्विक महामारी के चलते सरकार ने विश्वविद्यालयों में शिक्षण, प्रशिक्षण और सैद्धान्तिक एवं प्रायोगिक परीक्षाएं आगामी आदेशों तक स्थगित रखने का निर्णय लिया था.
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विद्यार्थियों को किसी प्रकार की परेशानी या एकेडमी हानि ना हो, इसे दृष्टिगत रखते हुए स्थगित परीक्षाओं और आगामी सत्र प्रारंभ करने के संदर्भ में सुझाव के लिए राजस्थान विश्वविद्यालय कुलपति के संयोजन में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई.
समिति ने अपनी रिपोर्ट 11 अप्रैल 2020 को राज्य सरकार को प्रस्तुत कर दी. समिति द्वारा की गई अनुशंषाओं के आधार पर छात्र हित में राज्य सरकार द्वारा निश्चय किया गया है.
कमेटी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने 8 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर फैसला लिया है -
- समस्त राजकीय एवं गैर राजकीय महाविद्यालयों में ग्रीष्मावकाश 16 अप्रैल से 31 मई 2020 तक करने का निर्णय किया गया है.
- विश्वविद्यालयों की शेष रही स्नातक एवं स्नात्तकोत्तर की अंतिम वर्ष/सेमेस्टर की परीक्षाओं का आयोजन 1 जून, 2020 से एवं स्नातक प्रथम, द्वितीय वर्ष व स्नातकोत्तर पूर्वार्द्ध वार्षिक/सेमेस्टर परीक्षाओं सहित अन्य परीक्षाएं इनके पश्चात आयोजित की जावेंगी.
- नवीन अकादमिक सत्र 01 जून, 2020 से आरम्भ किया जाएगा.
- स्नातक प्रथम वर्ष व अन्य समकक्ष पाठ्यक्रमों में प्रवेश 15 जून 2020 से 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम जारी होने के बाद आरम्भ किया जाएगा.
- स्नातक द्वितीय एवं तृतीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर उत्तरार्द्ध की कक्षाओं में विद्यार्थियों को अस्थाई प्रवेश देकर शिक्षण आरम्भ किया जाएगा.
- प्रोफेशनल पाठ्यक्रम-एजुकेशन, विधि एवं एम.बी.ए. की परीक्षाओं का आयोजन एवं उनके आगामी अकादमिक उनकी सम्बद्ध नियामक शीर्ष संस्थाओं के दिशा-निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित की जाएगी.
- स्नातकोत्तर स्तर पर विद्यार्थियों की विगत परीक्षाओं में प्राप्तांकों की मेरिट के आधार पर प्रवेश होंगे.
- इन सभी फैसलों में प्रमुख रूप से कोरोना वायरस का संकट टलने या अनुकूल परिस्थितियों का हवाला दिया गया है.