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SPECIAL : आंकड़ों के जरिए जानिए राजस्थान में कोरोना के बिगड़ते हालात - Corona figures in Rajasthan

राजस्थान में हर दिन करीब 2000 कोरोना संक्रमित मरीज देखने को मिल रहे हैं, जिसके बाद प्रदेश में कोरोना के मामले 1.50 लाख के पार पहुंच गए हैं. इस बीच चिकित्सा विभाग की ओर से एक आंकड़ा जारी किया गया है, जिसमें दावा किया गया है कि प्रदेश में रिकवरी दर 85 फीसदी के ऊपर है. आंकड़ों के जरिए जानिए प्रदेश में कोरोना के हालात...

Corona figures in Rajasthan,  Corona conditions in Rajasthan
राजस्थान में कोरोना के हालात

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Published : Oct 17, 2020, 9:04 PM IST

जयपुर. राजस्थान में हर दिन करीब 2000 कोरोना संक्रमित मरीज देखने को मिल रहे हैं. प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने दावा किया है कि अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में संक्रमित मामलों में कमी देखने को मिली है, जो एक राहत भरी खबर है. चिकित्सा विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में रिकवरी रेट भी काफी बेहतर है और पॉजिटिव प्रतिशत में भी गिरावट देखने को मिली है.

राजस्थान में कोरोना के हालात

चिकित्सा मंत्री ने एक आंकड़े भी इसे लेकर जारी किए हैं और कहा है कि सरकार कोरोना संक्रमण रोकने को लेकर लगातार प्रयास कर रही है. हाल ही में नो मास्क नो एंट्री अभियान भी सरकार की ओर से चलाया गया है और सरकार के इन्हीं प्रयासों के चलते संक्रमण में कुछ कमी देखने को मिली है. सरकार ने दावा किया है कि प्रदेश में रिकवरी दर 85 फीसदी से ऊपर पहुंच चुकी है.

प्रदेश के आंकड़े...

प्रदेश के आंकड़े...

अस्पतालों में भर्ती मरीजों से जुड़ा आंकड़ा...

हालांकि, एसिंप्टोमेटिक मरीजों को फिलहाल घर पर ही आइसोलेट किया जा रहा है, जबकि कोरोना संक्रमित गंभीर मरीज का इलाज अस्पताल में किया जा रहा है. इसके लिए सरकार की ओर से प्रत्येक जिले में डेडिकेटेड कोविड-19 सेंटर भी तैयार किए गए हैं.

  • मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध 1503 मरीज अस्पताल में भर्ती, जिसमें 290 मरीज आईसीयू और 110 मरीज वेंटिलेटर पर भर्ती.
  • एम्स जोधपुर में कुल 164 मरीज आइसोलेशन में, जिसमें 89 मरीज आईसीयू और 7 मरीज वेंटिलेटर पर भर्ती.

अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड की व्यवस्था

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने यह भी दावा किया है कि प्रत्येक जिले में डेडिकेटेड कोविड-19 सेंटर तैयार किए गए हैं. अब अस्पतालों में आईसीयू और सामान्य बेड की कमी नहीं है. इसके अलावा मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट भी शुरू कर दिए गए हैं. इसके अलावा ऑक्सीजन सप्लाई पर चिकित्सा विभाग नजर बनाए हुए हैं, ऐसे में प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल में अब ऑक्सीजन की कमी नहीं है.

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