जयपुर. राज्य सरकार के निर्देश के बाद करीब 2 महीने से अधिक चारदीवारी क्षेत्र में लगे कर्फ्यू में आखिरकार ढील दी गई. लेकिन कर्फ्यू में दी गई ढील के बाद एक बार फिर से चारदीवारी और खासकर रामगंज क्षेत्र से कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आना एक बार फिर शुरू हो गया है. वहीं, लॉकडाउन में दी गई छूट एक बार फिर से परेशानी बनती नजर आ रही है.
रामगंज क्षेत्र में बढ़ने लगे पॉजिटिव केस बीते 2 दिन के आंकड़ों की बात करें तो रामगंज क्षेत्र से 29 नए मामले कोरोना पॉजिटिव मरीजों के सामने आए हैं. एक बार फिर से इस क्षेत्र में पॉजिटिव मरीज चिकित्सा विभाग के लिए परेशानी का सबब बनते नजर आ रहे हैं. चिकित्सा विभाग की ओर से 2 जून को जारी की गई रिपोर्ट में 17 पॉजिटिव मरीज रामगंज क्षेत्र से सामने आए हैं, तो वहीं 3 जून को यह आंकड़ा 12 मरीजों का रहा.
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चारदीवारी क्षेत्र में 3 जून तक कुल 933 पॉजिटिव मरीज अभी तक सामने आए हैं, जिसमें से 44 मरीजों की मौत हुई है और अभी भी 61 एक्टिव केस चार दीवारी क्षेत्र में मौजूद है. इसके अलावा रामगंज क्षेत्र की बात करें तो रामगंज थाना क्षेत्र में कुल 632 पॉजिटिव मरीज अभी तक सामने आए हैं और अकेले रामगंज क्षेत्र में 21 मरीजों की मौत हुई है. वहीं जयपुर के आंकड़ों की बात करें तो अभी तक कुल 2109 पॉजिटिव केस देखने को मिले हैं.
एसएमएस अस्पताल की चूक
वहीं, सवाई मानसिंह अस्पताल प्रशासन की भी लापरवाही सामने आई है. दरअसल 2 जून को जारी की गई रिपोर्ट में अस्पताल का 10 स्टाफ पॉजिटिव पाया गया है और इनमें से ज्यादातर अस्पताल में कार्यरत वार्ड बॉय है और बताया जा रहा है कि सभी वार्ड बॉय रामगंज क्षेत्र के रहने वाले हैं.
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रामगंज क्षेत्र में बढ़ते संक्रमण के बावजूद भी सवाई मानसिंह अस्पताल प्रशासन क्षेत्र से आने वाले स्टाफ से काम करवा रहा है, ऐसे में माना जा रहा है कि रामगंज क्षेत्र से जो लोग पॉजिटिव आए हैं, वे अस्पताल में और अन्य जगहों पर भी लोगों को पॉजिटिव कर सकते हैं.
मेडिकल कॉलेज का नया फरमान
सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में कोरोना को लेकर एक गाइडलाइन जारी की गई है. मेडिकल कॉलेज में 5 हेल्थ वर्कर कोरोना पॉजिटिव मिले थे, इसके बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने नई गाइडलाइन बनाई है. नई गाइडलाइन के तहत यदि कोई हेल्थ वर्कर किसी पॉजिटिव के संपर्क में आ गया है तो उसको 14 दिन तक काम करते हुए ही अपनी सेहत का ध्यान रखना होगा.
गाइडलाइन के अनुसार उसे होम क्वॉरेंटाइन नहीं किया जाएगा. ऐसे में हेल्थ वर्कर्स का कहना है कि अगर अन्य जगह कोई पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आता है तो उसे होम क्वॉरेंटाइन किया जाता है. लेकिन मेडिकल कॉलेज प्रशासन खुद ही नए-नए नियम बना रहा है.