जयपुर.कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. महामारी के चलते देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह लड़खड़ा गई है. वहीं, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की तो मानो कमर ही तोड़ कर रख दी है. रेलवे और परिवहन विभाग को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है. ट्रेनें भी नियमित रूप से संचालित नहीं हो पा रही हैं. जयपुर जंक्शन पर जहां दिनभर ट्रेनों की आवाजाही लगी रहती थी अब वहां गिनी चुनी गाड़ियां ही आती हैं. प्लेटफार्म पर भी यात्रियों की संख्या बेहद कम रहती है. कोरोना के चलते जयपुर जंक्शन पर काम करने वाले वेंडर और कुलियों को भी रेल संचालन ठप होने से आर्थिक नुकसान हो रहा है.
रेलवे को प्लेटफार्म टिकट पर भी हो रहा नुकसान...
देश भर में रेलवे स्टेशन पर सर्विस के लिए मिलने वाला प्लेटफार्म टिकट इन दिनों कुछ स्टेशनों पर 50 रुपये में मिल रहा है. हालांकि, इसकी सामान्य कीमत 10 रुपये है, लेकिन इस समय इसे 5 गुना बढ़ा दिया गया है. प्लेटफार्म टिकट की कीमत बढ़ाने के बाद कई स्टेशनों पर इसे लेकर विवाद भी खड़ा हुआ था. स्टेशन पर अनावश्यक भीड़ कम करने के लिए दरें बढ़ाई गई हैं, लेकिन जयपुर मंडल प्रशासन ने इस कदम के बाद स्टेशनों पर विजिटर्स की एंट्री को बंद कर रखा है. इससे रेलवे प्रशासन को हर महीने लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है.
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बता दें कि लॉकडाउन से पहले रोजाना 4000 प्लेटफार्म टिकट जयपुर जंक्शन पर बिकते थे, यानी प्रतिमाह 1 प्वाइंट 20 लाख प्लेटफार्म टिकट बीच जाते थे. इसकी बिक्री पर रोक लगाने से रेलवे को हर माह लगभग 12 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है. वहीं, गांधीनगर, दुर्गापुरा, अलवर, बांदीकुई, रेवाड़ी सहित उत्तर पश्चिम रेलवे के प्रमुख स्टेशन पर भी रेलवे को रोजाना लाखों रका नुकसान उठाना पड़ रहा है. हालांकि, रेलवे की वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेलवे बोर्ड जल्दी विजिटर्स की एंट्री के लिए एक योजना बना रहा है. ऐसे में जल्द ही इसके बारे में विस्तृत गाइडलाइन जारी की जाएगी.