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राजस्थान में अलर्ट, कोरोना नोटिफाइड एपिडेमिक डिजीज एक्ट में शामिल

वायरस को चिकित्सा विभाग ने राजस्थान एपिडेमिक डिजीज एक्ट में नोटिफाइड किया गया है. इससे पहले मलेरिया, डेंगू, स्वाइन फ्लू और टीबी जैसी जानलेवा बीमारियों को इस एक्ट के तहत नोटिफाइ किया गया था.

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राजस्थान में कोरोना अलर्ट

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Published : Mar 14, 2020, 4:31 PM IST

जयपुर.कोरोना वायरस को लेकर प्रदेश में इमरजेंसी लागू कर दी गई है. सरकार ने 30 मार्च तक प्रदेश के सभी कोचिंग सेंटर, स्कूल, कॉलेज, जिम और थिएटर बंद कर दिए हैं. वहीं राज्य सरकार ने कोरोना वायरस को नोटिफाइड डिजीज में शामिल किया है.

राजस्थान में कोरोना अलर्ट

वायरस को लेकर चिकित्सा विभाग के एसीएस रोहित सिंह ने आदेश जारी किए हैं और इस कोरोना बीमारी को राजस्थान एपिडेमिक डिजीज एक्ट में नोटिफाइड किया गया है. दरअसल, इससे पहले मलेरिया, डेंगू, स्वाइन फ्लू और टीबी जैसी जानलेवा बीमारियों को इस एक्ट के तहत नोटिफाइ किया गया था.

कोरोना डिजीज नोटिफाइड होने के बाद इसका सीधा फायदा मरीजों को मिलेगा क्योंकि राजस्थान का हर चिकित्सक कानूनी तौर पर इससे पाबंद होगा. जिसके बाद सरकारी और निजी चिकित्सक भी इस दायरे में आएंगे और कोरोना के लक्षण वाले हर मरीज की सूचना राज्य सरकार को चिकित्सक द्वारा देनी होगी.

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दरअसल चिकित्सा विभाग ने कोरोना वायरस को लेकर एक गाइडलाइन भी जारी की है, जिसके तहत 7 देशों से आ रहे यात्रियों को अलग-अलग कैटेगरी में शामिल किया गया है. इसके तहत चाइना, कोरिया, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, इटली और इरान जैसे हाई रिस्क वाले देश से आने वाले यात्रियों को तीन कैटेगरी में शामिल किया गया है.

इसमें ए कैटेगरी में हाई रिस्क वाली यात्रियों को शामिल किया गया है, जिसमें इन देशों से आए यात्री जिन्हें खांसी बुखार की शिकायत है, उन्हें हाई रिस्क पर रखा गया है. वहीं बी कैटेगरी में वे यात्री शामिल किए गए हैं जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है और डायबिटीज, अस्थमा समेत अन्य दूसरी बीमारियों से पीड़ित है. वहीं सी कैटेगरी में ऐसे यात्री शामिल किए गए हैं, जिनकी उम्र 60 साल से कम है और उन्हें खांसी बुखार समेत किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है. ऐसे यात्रियों को 14 दिन चिकित्सा विभाग द्वारा आइसोलेशन में रखा जाएगा.

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