जयपुर.किसानों की कर्ज माफी के नाम पर सियासी उबाल जारी है. कर्जे के चलते किसानों की जमीन नीलामी के मामले सामने आए तो भाजपा ने कांग्रेस और प्रदेश सरकार पर जुबानी हमले शुरू कर दिए (Politics Over Farm Loan Waiver). इस बीच सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना (Udailal Anjana on Farm Loan Waiver) ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने अपने अधीन आने वाले बैंकों से जुड़े कर्ज तो माफ कर दिए. लेकिन मोदी सरकार अब राष्ट्रीय कृत बैंको से जुड़े कर्जे माफ करें. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के निशाने पर भाजपा सांसद और प्रदेश के राज्यपाल भी रहे.
यूपी पंजाब चुनाव के चलते भाजपा कर रही राजनीति
सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि भाजपा पंजाब और यूपी विधानसभा चुनाव के चलते राजस्थान किसानों के नाम पर राजनीति कर रही है. जबकि राजस्थान का किसान प्रदेश सरकार की ओर से की गई कर्ज माफी से संतुष्ट है और किसी प्रकार की शिकायत नहीं आई है. आंजना ने कहा हमारी सरकार ने 3 साल में 14,500 करोड़ रुपए का किसानों का कर्ज माफ किया है. इसमें 6000 करोड़ का पिछली सरकार से जुड़ा कर्ज भी शामिल है जो हमारी सरकार ने वहन किया है. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार के अधीन आने वाले बैंकों की ओर से किसानों की कर्ज माफी हमने करवा दी लेकिन राष्ट्रीय कृत बैंक केंद्र सरकार के अधीन आते हैं. इस मामले में मोदी सरकार निर्णय करे.
उदयलाला आंजना का Exclusive Interview 3 बार लिखा केंद्र सरकार को पत्र, सांसद बनाए मोदी सरकार पर दबाव
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान उदयलाल आंजना ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में तीन बार केंद्र सरकार को भी पत्र लिखा लेकिन मोदी सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया (Udailal Anjana target Modi Government). उन्होंने कहा कि राजस्थान में भाजपा के नेता किसानों के नाम पर सियासत तो खूब करते हैं लेकिन इस मामले में अपनी ही केंद्र सरकार पर दबाव नहीं बनाते. जबकि राजस्थान से 24 सांसद भाजपा के हैं. लेकिन प्रधानमंत्री या मोदी सरकार पर इस मामले में दबाव नहीं बना रहे. आंजना ने कहा भाजपा के नेता केवल किसान के नाम पर सियासत करते हैं. लेकिन किसानों के दुख से उन्हें कोई मतलब नहीं.
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राज्यपाल विधेयक पर कर देते हस्ताक्षर तो आज नहीं आती यह नौबत
सहकारिता मंत्री ने राज्यपाल कलराज मिश्र पर भी निशाना साधा (Udailal Anjana targets Rajasthan Governor). मंत्री ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार ने किसानों के दर्द को समझते हुए विधानसभा में 5 एकड़ तक भूमि की नीलामी पर रोक का बिल पारित किया था. लेकिन राज्यपाल महोदय ने अब तक उस पर अनुमति नहीं दी. जिसके कारण वो विधेयक कानून नहीं बन पाया. सहकारिता मंत्री ने कहा यदि राज्यपाल महोदय समय पर विधायक पर हस्ताक्षर कर देते तो आज गरीब किसानों की जमीन नीलामी की नौबत नहीं आती. मंत्री ने कहा किसानों की जमीन की नीलामी और मौत दुखद है. लेकिन इस प्रकार की घटनाओं पर बीजेपी सियासत करती है.
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केंद्र सरकार राष्ट्रीय कृत बैंकों के कर्ज को लेकर करे पहल
सहकारिता मंत्री ने यह भी कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार राष्ट्रीयकृत बैंक की ओर से किसानों पर चल रहे कर्जे का समायोजन करने के लिए कोई फार्मूला बनाए. क्योंकि गहलोत सरकार भी चाहती है कि किसानों की संपूर्ण कर्ज माफी हो. लेकिन जो बैंक केंद्र सरकार के अधीन आते हैं उसको लेकर निर्णय केंद्र सरकार को करना है और उसमें कुछ मदद राज्य सरकार भी करेगी. लेकिन उसका मसौदा केंद्र सरकार को ही बनाना होगा.
भाजपा और आरएलपी लगातार बना रही मुद्दा
दौसा के लालसोट,अलवर और चौमू में किसानों की जमीन नीलामी के प्रकरण सामने आने के बाद भाजपा नेता लगातार गहलोत सरकार और कांग्रेस पर निशाना साध रही थी. इस बीच राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी भी अब कांग्रेस के खिलाफ मुखर हो गई है. इस मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को साल 2018 में किए गए किसान कर्ज माफी के वादे को याद दिलाया और यह भी कहा कि किसानों की जमीन नीलाम हो रही है.
किसान आत्महत्या को मजबूर हो रहे हैं और मुख्यमंत्री जी चिट्ठी चिट्ठी खेलकर गुमराह कर रहे हैं. उन्होंने कहा यदि थोड़ा बहुत ईमान बचा है तो किसानों का पूरा कर्जा माफ किया जाए. वहीं सांसद दीया कुमारी ने भी इस मामले में ट्वीट कर कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साधा तो आरएलपी ने भी किसान कर्ज माफी के मामले में प्रदेश की गहलोत सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया.