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SPECIAL: टारगेट पूरा करने में जुटा सहकारिता विभाग, फसली ऋण की 30 अगस्त तक है डेडलाइन - Kharif crop loan

वैश्विक महामारी कोरोना के संकट काल के दौरान किसानों को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए इस बार प्रदेश में करीब 23 लाख 69 हजार 322 किसानों को 10 हजार करोड़ रुपए का अल्पकालीन फसली ऋण वितरण किया जाना है. राजस्थान सहकारी और अपेक्स बैंक के जरिए वर्तमान में प्रदेश के सभी प्रशासनिक के 33 जिलों में यह फसल ऋण वितरित किया जा रहा है.

Rajasthan Cooperative Department
टारगेट पूरा करने में जुटा सहकारिता विभाग

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Published : Aug 3, 2020, 9:12 PM IST

जयपुर. कोरोना संकट के चलते खराब माली हालत से जूझ रहे किसानों को खरीफ के लिए वितरित अल्पकालीन ब्याज मुक्त ऋण से काफी राहत मिली है. हालांकि ऋण वितरण का काम प्रदेश में 30 अगस्त तक जारी रहेगा, लेकिन अब भी सहकारिता विभाग तय टारगेट पूरा करने से करीब 27% पीछे हैं. इस बार खरीफ के लिए किसानों में 10 हजार करोड़ रुपए का अल्पकालीन फसली ऋण वितरण किया जाना है.

टारगेट पूरा करने में जुटा सहकारिता विभाग

वैश्विक महामारी कोरोना के संकट काल के दौरान किसानों को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए इस बार प्रदेश में करीब 23 लाख 69 हजार 322 किसानों को 10 हजार करोड़ रुपए का अल्पकालीन फसली ऋण वितरण किया जाना है. राजस्थान सहकारी और अपेक्स बैंक के जरिए वर्तमान में प्रदेश के सभी प्रशासनिक के 33 जिलों में यह फसल ऋण वितरित किया जा रहा है.

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हालांकि इनमें से बाड़मेर एकमात्र जिला है जिसमें खरीफ के लिए तय टारगेट 550 सौ करोड़ रुपए का ऋण स्वीकृत हो गया. इस जिले में टारगेट से 59 करोड़ का ऋण अतरिक्त स्वीकृत कर दिया गया. प्रदेश में हर जिले के लिए यह ऋण वितरण करने का अलग-अलग लक्ष्य तय किया गया है जिसे आगामी 31 अगस्त तक पूर्ण करना है. अन्य प्रदेशों की तुलना में राजस्थान में इस अल्पकालीन ऋण पर लगने वाले ब्याज को प्रदेश सरकार ही वहन करती है इसलिए इसे ब्याज मुक्त ऋण कहा जाता है.

माली हालत से जूझ रहे किसान
जिलों में ऋण वितरण का है ये टारगेट

प्रदेश में हर जिले के लिए खरीफ ब्याज मुक्त फसली ऋण का लक्ष्य तय किया गया है. जिसके तहत बाड़मेर में 550, नागौर में 400, जयपुर में 600, टोंक में 190, बीकानेर में 300, अलवर में 380, चूरू में 230, सवाई माधोपुर में 330, भीलवाड़ा में 464, अजमेर में 330, बूंदी में 270, झुंझुनू में 310, बांसवाड़ा में 170, झालावाड़ में 440, चित्तौड़गढ़ में 520, श्रीगंगानगर में 500, जोधपुर में 470, सीकर में 520, दौसा में 240, डूंगरपुर में 100, सिरोही में 130, बारां में 180, हनुमानगढ़ में 540, पाली में 300, कोटा में 380, उदयपुर में 310, जैसलमेर में 190, जालोर में 350, भरतपुर में 310 करोड़.

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इस तरह पूरे प्रदेश में 10 हजार करोड़ का यह ऋण वितरण किया जाना है. इनमें से बाड़मेर, नागौर और जयपुर ऐसे जिले हैं, जिन्होंने टारगेट का 90 फीसदी से ऊपर ऋण स्वीकृत कर दिया है और वितरण का काम जारी है. जबकि जालोर, जैसलमेर, उदयपुर और भरतपुर उन जिलों में शामिल है जो अब तक के टारगेट का 48% से लेकर 64 फीसदी के बीच ही ऋण स्वीकृत कर पाए हैं.

वर्तमान में किसानों के लिए राहत भरी खबर तो लिखनी है कि 10 हजार करोड़ में से 7263.68 करोड़ फसली ऋण की राशि किसानों को स्वीकृत कर दी गई है जो उनके खातों में जाना भी शुरू हो गई है. 31 अगस्त तक उम्मीद की जा रही है जो लक्ष्य ब्याज मुक्त फसली ऋण का तय किया गया है. वह भी किसानों के खातों तक पहुंचना शुरू हो जाएगा.

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