जयपुर. अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि अभियुक्त ने वर्ष 1994 से वर्ष 1998 तक विदेशों में रहने वाले भारतीयों से कुल 50 लाख रुपए लिये और यहां हर एक लाख रुपए पर आठ सौ रुपए कमीशन लेते हुए उनके परिजनों को दे दिए. बता दें कि इसके लिए अभियुक्त ने आरबीआई से अनुमति नहीं ले रखी थी.
निचली अदालत ने तीन अलग-अलग मामलों में दोषियों को कारावास की सजा सुनाई - jaipur
शहर की आर्थिक अपराध मामलों की विशेष अदालत ने हवाला का काम करने वाले अभियुक्त सिकंदर रंगरेज को विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम के तहत तीन साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने सीकर निवासी इस अभियुक्त पर पांच लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
वहीं एक अन्य मामले में सीबीआई मामलों की विशेष अदालत क्रम 3 में बीएसएनएल कर्मचारियों के इलाज के लिए अस्पताल को सम्बद्धता देने के मामले में रिश्वत लेने वाले बीएसएनल के तत्कालीन उप महाप्रबंधक संतोष मीणा और जेटीओ ओम प्रकाश गर्ग को ढ़ाई साल की सजा सुनाई है. अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि डॉ नरेश गोयल ने 23 अप्रैल 2005 को सीबीआई में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि उसने बीएसएनएल कर्मचारियों के इलाज के लिये सम्बद्धता के लिए बीएसएनल में प्रार्थना पत्र दिया था. सम्बद्धता देने के बदले अभियुक्त उससे बीस हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं.
रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए बीसीआई ने संतोष मीणा को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. शहर की महिला उत्पीड़न एवं दहेज प्रकरण मामलों की ने विशेष अदालत विवाहिता का अपहरण करने वाले अभियुक्त विक्रम बाबू को तीन साल की सजा सुनाई है. अभियोजन पक्ष की ओर कोसे अदालत बताया गया कि अभियुक्त अपने साथ काम करने वाले साथी की पत्नी को 30 अगस्त 2013 को करणी विहार थाना इलाके से अपरहण कर ले गया. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 20 सितंबर को अभियुक्त को गिरफ्तार कर दिल्ली से पीड़िता को बरामद किया था.