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कश्मीरी पैरा क्रिकेटर बोले- कश्मीर में युवा क्रिकेट खेलना छोड़ चुके थे, परवेज भाई का चयन होने से बढ़ा हौसला - कश्मीरी पैरा क्रिकेटर से बातचीत

कश्मीर के युवाओं में क्रिकेट के प्रति दीवानगी लगातार बढ़ रही है. एक दौर ऐसा था. जब कश्मीर के युवा क्रिकेट से दूर हो रहे थे. लेकिन जब से परवेज रसूल का भारतीय क्रिकेट टीम में चयन हुआ है. हालात में काफी बदलाव आया है. यह कहना है कश्मीर के पैरा क्रिकेटर्स का. जयपुर में चल रही तीसरी राष्ट्रीय पैरा क्रिकेट T-20 प्रतियोगिता में भाग लेने आए कश्मीर की पैरा क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की और खुलकर अपनी समस्याओं के बारे में बताया. देखिए खास रिपोर्ट.

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कश्मीरी पैरा क्रिकेटर से बातचीत

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Published : Jan 24, 2021, 2:27 PM IST

जयपुर. कश्मीर के युवाओं में क्रिकेट के प्रति दीवानगी में बीते कुछ सालों में बढ़ोतरी हुई है. एक दौर ऐसा आया जब कश्मीर में युवाओं ने क्रिकेट खेलना छोड़ दिया था लेकिन जब से परवेज रसूल का भारतीय क्रिकेट टीम में चयन हुआ है, कश्मीर के युवाओं की सोच में बदलाव आया है. राष्ट्रीय पैरा T-20 क्रिकेट प्रतियोगिता में भाग लेने आए कश्मीर की टीम के खिलाड़ियों ने जयपुर में मीडिया से बातचीत में यह बात कही है.

कश्मीरी पैरा क्रिकेटर से बातचीत

जम्मू-कश्मीर पैरा क्रिकेट टीम के कप्तान फिरोज अहमद का कहना है कि जब से परवेज रसूल का भारतीय क्रिकेट टीम में चयन हुआ है, वे इंटरनेशनल क्रिकेट से जुड़े हैं, तब से युवाओं का हौसला बढ़ा है. कश्मीरी युवाओं की सोच में बदलाव आया है. दो साल से आईपीएल में भी कश्मीर के क्रिकेटर आ रहे हैं और उन्हें अच्छा रिस्पॉन्स भी मिल रहा है. जब एक खिलाड़ी आगे निकला है तो सबका जोश बढ़ा है.

भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल होने के बाद परवेज रसूल ने कश्मीर में क्रिकेट को आगे ले जाने में अपनी अहम भागीदारी निभाई है. वह अलग-अलग शहर, कस्बों और गांवों में जाकर युवाओं का जोश बढ़ा रहे हैं और टूर्नामेंट करवाकर युवाओं को क्रिकेट से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. उनका कहना है कि कश्मीर के युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है. उन्हें बस एक सशक्त प्लेटफॉर्म की दरकार है. जो परवेज रसूल और अन्य क्रिकेटर अपनी मेहनत से उन्हें मुहैया करवा रहे हैं.

खराब पिच के कारण प्रदर्शन हो रहा प्रभावित

कश्मीर में युवा क्रिकेटर्स की समस्या के बारे में पूछने पर फिरोज बताते हैं कि कश्मीर में सबसे बड़ी समस्या टर्फ पिच की है. कश्मीर में टर्फ पिच नहीं है तो वहां मैटिंग पिच पर ही खेलते हैं. प्रैक्टिस हो या टूर्नामेंट, सब मैटिंग पिच पर ही होता है. ऐसे में जब हम बाहर खेलने जाते हैं. जहां टर्फ पिच पर टूर्नामेंट होते हैं तो हमारा प्रदर्शन प्रभावित होता है.

परवेज रसूल ने युवाओं की प्रतिभा निखारने में मदद की

कश्मीर पैरा क्रिकेट टीम के खिलाड़ी नईम अहमद बताते हैं कि कुछ साल पहले युवाओं का क्रिकेट से मोहभंग हो चुका था और युवा क्रिकेट खेलना छोड़ चुके थे. लेकिन जब परवेज रसूल का भारतीय क्रिकेट टीम में चयन हुआ और वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आए, तब से हालात काफी बदल गए हैं. उन्होंने गांव-शहर में टूर्नामेंट करवाकर युवाओं की प्रतिभा को निखारने में मदद की है. इसी का परिणाम है कि कश्मीर से कई और खिलाड़ी आईपीएल और अन्य टूर्नामेंट में आए हैं. उन्हें हम अपना आदर्श मानते हैं और प्रयास करते हैं कि हम भी पैरा क्रिकेट को आगे लेकर जाएं. जिससे हमें जिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आने वाले खिलाड़ियों को उन परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े. आने वाली पीढ़ी के खिलाड़ियों के लिए हम रास्ता बनाने का प्रयास कर रहे हैं. जिससे पैरा क्रिकेट का भविष्य कश्मीर में भी उज्ज्वल हो और पूरी दुनिया देखे की कश्मीर में प्रतिभाओं की कमी नहीं है.

सरकार से पिच की समस्या दूर करने की मांग

वहीं जम्मू-कश्मीर पैरा क्रिकेट टीम के कप्तान ने कहा कि कश्मीर की सरकार से गुजारिश करते हैं कि कश्मीर में भी कुछ टर्फ पिच तैयार करवाए जाएं. जिससे वहां के युवा क्रिकेटर्स उस पर प्रैक्टिस कर अपने खेल को निखार सके. पैरा क्रिकेट के भी कई प्रतिभावान खिलाड़ी कश्मीर में हैं लेकिन उन्हें भी अभी तक समुचित प्लेटफार्म नहीं मिल पाया है. हम बाहर खेलने आते जाते हैं लेकिन इसमें आर्थिक परेशानियां आड़े आती हैं. फिर भी हम प्रयास कर रहे हैं और उम्मीद है कि आगे हालात में सुधार होगा. दूसरे राज्यों में पैरा क्रिकेट के लिए भी काफी काम किया जा रहा है लेकिन हमारे राज्य में अभी इस दिशा में सकारात्मक शुरुआत नहीं हुई है.

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एक अन्य खिलाड़ी का कहना है कि कश्मीर के युवाओं में भी क्रिकेट के प्रति बहुत जोश है लेकिन सबसे बड़ी परेशानी मैदान और पिच की है. वहां मैदान ठीक नहीं है. टर्फ पिच नहीं है. हम वहां मैटिंग पिच पर प्रैक्टिस करते है. टूर्नामेंट भी मैटिंग पिच पर ही होती है. ऐसे में जब हमें टर्फ पिच का सामना करना पड़ता है तो प्रदर्शन प्रभावित होता है. हम सरकार से गुजारिश करते हैं कि जम्मू-कश्मीर में भी टर्फ पिच बनवाए, जिससे हम वहां प्रैक्टिस कर सके और टूर्नामेंट खेल सके और अपनी प्रतिभा को देश और दुनिया के सामने ला सके.

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