जयपुर. लंबे इंतजार के बाद आखिर राजस्थान कांग्रेस की छोटी कार्यकारिणी की घोषणा हो गई है. 39 सदस्यों की कार्यकारिणी में कांग्रेस पार्टी ने सोशल इंजीनियरिंग का ध्यान रखने का प्रयास किया, लेकिन उसमें कांग्रेस पार्टी से वह दो समाज छूट गए हैं, जिनका बड़ा वोट बैंक भी है और कांग्रेस पार्टी में उनके प्रतिनिधि भी विधायक के तौर पर मौजूद हैं.
बात की जाए राजपूत समाज की तो महज एक सचिव के रूप में महेंद्र सिंह खेड़ी को राजपूत समाज से प्रतिनिधित्व दिया गया है. वहीं वैश्य और जैन समाज को तो पूरी तरीके से इस कार्यकारिणी में प्रतिनिधित्व से वंचित कर दिया गया है. अब इस कार्यकारिणी को लेकर विवाद भी शुरू हो गया है, जहां वैश्य और जैन समाज को प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने पर पूर्व राजस्थान कांग्रेस महासचिव गिरिराज गर्ग ने कहा कि हर बार कार्यकारिणी में कांग्रेस पार्टी वैश्य समाज को पूरा प्रतिनिधित्व देती रही है. पिछली कार्यकारिणी में 8 सदस्य वैश्य समाज के थे, लेकिन इस बार एक भी पदाधिकारी इस वर्ग का नहीं बनाया गया है. जो एक बड़ी चूक है, जिसे कांग्रेस पार्टी को सुधारना होगा.
वहीं राजपूत समाज से केवल एक पदाधिकारी बनाना और वह भी सचिव स्तर का, इस पर भी कांग्रेस पार्टी में राजपूत नेताओं की ओर से रिएक्शन आने शुरू हो गए हैं. राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस पर बोलते हुए कहा कि भले ही सभी वर्गों को इस कार्यकारिणी के जरिए साधने की कोशिश की गई है, लेकिन इसमें राजपूत समाज को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया है.
उन्होंने कहा कि सूची से पहले प्रदेश अध्यक्ष ने मुझसे इस बारे में कोई बात भी नहीं की है, लेकिन अब मैं इस बारे में प्रदेश अध्यक्ष का ध्यान जरूर आकर्षित करूंगा. वहीं मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि राजपूत समाज को कैबिनेट में पूरा प्रतिनिधित्व दिया गया है. ऐसे में यह बात गलत है कि कार्यकारिणी में उनको कम स्थान मिला है.