जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट (Rajasthan High Court) ने अदालती आदेश के बावजूद प्रदेश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल डिग्गी गांव की चारागाह भूमि से अतिक्रमण नहीं हटाने के मामले में टोंक कलेक्टर चिन्मयी गोपाल को अवमानना के नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब तलब किया है. जस्टिस मनिन्दर मोहन श्रीवास्तव और जस्टिस बिरेन्द्र कुमार की खंडपीठ ने यह रामनारायण मीणा की अवमानना याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
अवमानना याचिका में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया की डिग्गी की करीब 2100 बीघा चारागाह भूमि पर प्रभावशाली लोगों ने कच्चे और पक्के अतिक्रमण कर रखे हैं. जिसकी वजह से ग्रामीणों को मवेशियों को चराने में परेशानी हो रही है. खंडपीठ ने गत वर्ष 7 सितम्बर को टोंक कलेक्टर को तीन महीने में अतिक्रमण हटाने के संबंध में कार्रवाई के आदेश दिए थे, लेकिन अदालत के आदेश के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में अवमानना कर्ता अफसर को दंडित किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने टोंक कलेक्टर को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.