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City Park work in progress: 3 महीने बाद आम जनता के वॉकिंग के लिए शुरू कर दिया जाएगा प्रदेश का सबसे बड़ा सिटी पार्क

शहर में बन रहे सबसे बड़े सिटी पार्क का काम काफी तेजी से (City Park work in progress) चल रहा है. आवासन मंडल आयुक्त पवन अरोड़ा ने दावा किया है कि पौधारोपण के बाद आगामी मानसून में इस पार्क को आमजन के वाकिंग के लिए खोल दिया जाएगा.

City Park work in progress
3 महीने बाद आम जनता के वॉकिंग के लिए शुरू कर दिया जाएगा प्रदेश का सबसे बड़ा सिटी पार्क

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Published : Apr 15, 2022, 6:31 PM IST

जयपुर. शहर में लाखों की आबादी के बीच बन रहे शहर के सबसे बड़े सिटी पार्क का चेहरा अब नजर आने लगा है. यहां जनता के लिए ड्राइविंग ट्रेक का काम तेजी से चल रहा है, आवासन मंडल आयुक्त पवन अरोड़ा ने दावा किया है कि आगामी मानसून में अधिक पौधरोपण करते हुए इस पार्क को वॉकिंग के लिए (park will opened for walking in monsoon) खोल दिया जाएगा.

जयपुर के मानसरोवर में 22 लाख वर्ग फीट क्षेत्र में विकसित किए जा (City Park of 22 lakh sqr. feet) रहे प्रदेश के सबसे बड़े सिटी पार्क का काम युद्धस्तर पर चल रहा (City Park work in progress) है. इस प्रोजेक्ट में 18 लाख वर्ग फीट क्षेत्र में सिटी पार्क और 4 लाख वर्ग फीट क्षेत्र में फाउंटेन स्क्वायर बनाया जा रहा है. यहां वुडलैंड पार्क, मीडो गार्डन, लेब्रिनिथ गार्डन, चिल्ड्रन पार्क, कलर गार्डन, फर्न हाउस गार्डन जैसे कई पार्क विकसित हो रहे हैं. जहां थीम बेस्ड प्लांटेशन किया गया है. फाउंटेन स्क्वायर में आमजन के मनोरंजन के लिए म्यूजिकल फाउंटेन का भी निर्माण किया जा रहा है. प्रोजेक्टर के माध्यम से इस फाउंटेन पर संगीत के साथ-साथ लघु (much entertaining facilities in city park) चलचित्र प्रदर्शित किए जाएंगे. इस पार्क में लगभग 3.5 किलोमीटर लंबा क्ले सैंड, 20 फीट चौड़ा जॉगिंग और वॉकिंग ट्रेक का निर्माण किया जा रहा है.

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बता दें कि सिटी पार्क में तीन प्रमुख गेट बनाए जा रहे हैं, जहां पार्किंग की भी व्यवस्था की जाएगी. पार्क के चारों तरफ फूड कोर्ट और रेस्टोरेंट के लिए भी जगह रखी गई है. वहीं सेंट्रल पार्क की तर्ज पर यहां भी राष्ट्रीय ध्वज लगाया जाएगा. बीते साल यहां बड़े स्तर पर मियावाकी पद्धति से भी पौधरोपण किया गया था. इसी सिटी पार्क में 90 हज़ार की लागत वाले टोपियरी प्लांट्स भी लगाए गए हैं. साथ ही नीम, गुलमोहर, शीशम, अर्जुन, पीपल के अलावा जामुन, नींबू, आम, शहतूत जैसे फलदार (Different types of plants are being planted) पौधे भी लगाए गए हैं. वहीं सौंदर्यीकरण और पर्यावरण सुधार के लिए राज्य की जलवायु के अनुरूप हर्ब्स और शर्ब्स भी लगाई गई हैं.

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