जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के विधायकों को कैबिनेट के विस्तार या पुनर्गठन (cabinet reshuffle) का इंतजार है. लेकिन यह काम अटका हुआ है. कांग्रेस नेताओं को जिला अध्यक्ष बनाए जाने का भी इंतजार था.
जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा (Govind Dotasara) ने 29 जुलाई तक लिस्ट भी तैयार कर ली थी. माना जा रहा था कि जिन जिलों में अध्यक्ष को लेकर विवाद नहीं है उन 20 जिलों में तो जिला अध्यक्षों की घोषणा कर दी जाएगी. लेकिन कैबिनेट में फेरबदल (cabinet reorganization) की हलचल के चलते फिलहाल ये काम होल्ड पर चला गया है.
पहले मंत्रिमंडल पर फैसला, फिर होगी जिलाध्यक्षों की नियुक्तियां कैबिनेट फेरबदल के बाद कई मंत्रियों और विधायकों को संगठन में नई भूमिका निभानी होगी. यह काम कैबिनेट में फेरबदल के बाद ही होगा. इसलिए अभी जिला अध्यक्षों की नियुक्ति का काम टाल दिया गया है. राजस्थान में 39 जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर तैयार की गई लिस्ट प्रदेश प्रभारी अजय माकन (Ajay Maken) तक भी पहुंच गई थी. लेकिन चूंकि कई मंत्री भी जिला अध्यक्ष बन सकते हैं. इसलिए इस लिस्ट पर बाद में गौर किया जाएगा.
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ऐसे में अब मौजूदा हालात को देखते हुए कांग्रेस संगठन इस बात का इंतजार कर रहा है कि पहले मंत्रिमंडल की तस्वीर साफ हो जाए, उसके बाद ही जिला अध्यक्ष और संगठन में अन्य पदों पर नियुक्ति दी जाए.
पहले कैबिनेट पर काम, फिर संगठन पर ध्यान राजनीतिक नियुक्तियों में अब विधायकों (Legislator ) को शामिल नहीं किया जाएगा. ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार और संसदीय सचिवों (parliamentary secretary) की नियुक्ति के बाद जो विधायक संगठन का काम करने के इच्छुक होंगे और पार्टी को वे उपयुक्त लगेंगे उन्हें संगठन में भी जिम्मेदारी दी जाएगी. कांग्रेस आलाकमान को लगता है कि अगर पहले ही जिला अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी गई तो उनमें बदलाव करना मुश्किल होगा. लिहाजा मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद ही जिला अध्यक्षों की नियुक्ति का काम किया जाएगा.
मंत्रिमंडल में फेरबदल के कारण राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियां भी अटकी हुई हैं. अब प्रदेश में होने वाली बड़ी राजनीतिक नियुक्तियां भी मंत्रिमंडल के संभावित फेरबदल के बाद ही की जाएंगी. ऐसे में राजनीतिक नियुक्तियों की आस लगा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अभी कुछ समय इंतजार करना होगा.