जयपुर. कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन बनेगा, इसे लेकर अब लगभग साफ हो चुका है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही (Congress President Election) कांग्रेस आलाकमान की इस पद के लिए पहली पसंद हैं. गहलोत ने भी साफ कर दिया है कि अगर उन्हें कांग्रेस आलाकमान ने नामांकन भरने को कहा तो वह इससे इनकार नहीं कर सकेंगे.
इसी बीच क्योंकि पहली बार राजस्थान के किसी नेता को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद की कमान मिल सकती है, तो साफ है कि राजस्थान के नेताओं में इसकी खुशी भी है. भले ही राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा हों या मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, हर किसी की पहली पसंद (Govind Dotasra Supported Rahul Gandhi) कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए राहुल गांधी ही हैं. लेकिन अगर राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने से अपने इनकार पर डटे रहेंगे तो ऐसे में यह मौका राजस्थान को मिल सकता है.
गहलोत को लेकर डोटासरा का बड़ा बयान.... ऐसा पहली बार होगा कि राजस्थान से कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष राजस्थान से हो. वहीं, बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि हम सबकी ईच्छा है कि राहुल गांधी पार्टी की कमान संभालें. राहुल अगर नहीं माने तो राजस्थान को इस पद का तोहफा मिल सकता है. राजस्थान कांग्रेस कार्यालय में बुधवार को ओबीसी विभाग की ओर से किए गए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा ओबीसी वर्ग को आगे बढ़ाती है. मेरे जैसा साधारण कार्यकर्ता इसका उदाहरण है.
भाजपा के लोग तो ओबीसी और एससी-एसटी का आरक्षण ही खत्म करना चाहते हैं. इस वर्ग की ताकत देखकर उनकी आरक्षण समाप्त करने की हिम्मत (Politics on OBC Society) नहीं हो रही. आरएसएस के मोहन भागवत भी इस बारे में अपनी मंशा जता चुके हैं. देश में लोगों ने मोदी को ओबीसी वर्ग से जिताकर भेजा, लेकिन उन्होंने 8 साल में ओबीसी के लिए कोई निर्णय नहीं लेकर निराश किया. डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस और ओबीसी का डीएनए एक है.
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गहलोत अध्यक्ष बने तो 2023 विधानसभा और 2024 लोकसभा के चुनाव 'करो या मरो' जैसे होंगे :प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष राजस्थान से होने की संभावना तो जताते हुए कहा कि हम सब चाहते हैं कि राहुल गांधी पार्टी की कमान संभालें. राहुल अगर ये जिम्मेदारी नहीं संभालते हैं तो राजस्थान को इस पद का तोहफा मिल सकता है. अगर राजस्थान को यह जिम्मेदारी मिलती है तो हम सबकी जिम्मेदारी और बढ़ जाएगी. हमें 2023 और 2024 में दोगुने जोश से काम करना होगा.
कांग्रेस के मंत्री-विधायक भी होंगे गहलोत के नामांकन में शामिल : वैसे तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ही मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास पर हुई विधायक दल की बैठक में मंत्रियों और विधायकों को यह कह दिया था कि अगर मैं नामांकन दाखिल करूंगा तो आप सब लोगों को भी वहां मौजूद रहना होगा. ऐसे में अगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कल राहुल गांधी से मुलाकात करने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन का अंतिम फैसला करते हैं तो राजस्थान के मंत्री-विधायक भी उनके नामांकन में शामिल होंगे.