जयपुर. राजस्थान में कुर्सी की लड़ाई में यकीकन कहा जा सकता है कि कांग्रेस संगठन बेहद कमजोर हुआ है. जो हालात हैं उसे ठीक होने में कम से कम नहीं तो 6 महीने लगेंगे. इसके साथ ये कहना भी मुश्किल है कि हालात सामान्य होंगे भी या नहीं (Sachin Pilot Vs Ashok Gehlot). गहलोत बनाम पायलट की जंग में कांग्रेस आलाकमान और कांग्रेस के विधायक भी दो पक्ष बन चुके हैं. भाषाई मर्यादाएं लगातार पार हो रही है. इतनी की जद में आलाकमान भी है.
दोनों गुट एक दूसरे के लिए गद्दार, रजिस्टर्ड दलाल, गब्बर सिंह, अमरीश पुरी ,मानेसर गैंग जैसे इस्तेमाल कर रहे हैं. राजस्थान में ऐसे लग रहा है मानो सत्ताधारी दल भी कांग्रेस है और विपक्षी दल भी कांग्रेस (Sachin Pilot Vs Ashok Gehlot). आरोप और लांछन इस तरह के कि विपक्षी दल भी हैरान! हालात बद से बदतर होते देख आखिर पार्टी को विधायकों को चुप रखने के लिए आदेश जारी करना पड़ा.
बयानवीरों ने इस तरह बेलगाम बोलों की झड़ी लगाई कि कांग्रेस पार्टी को आदेश निकाल कर ये कहना पड़ा कि राजस्थान के वर्तमान हालातों में कोई भी एक दूसरे पर बयान बाजी नहीं करें (dalal gaddar jibes touched new lows in Rajasthan). गहलोत गुट के निशाने पर सचिन पायलट और प्रभारी अजय माकन रहे तो पायलट खेमे ने प्रदेश के मंत्रियों के बहाने गहलोत को घेरने की कोशिश की.
गहलोत खेमे के बयानवीर:राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों की संख्या ज्यादा है. यही कारण है कि गहलोत समर्थक विधायक अड़ गए कि मुख्यमंत्री अगर आलाकमान बदले तो भी उन 102 में से हो जिन्होंने सरकार बचाई थी. आइए डालते हैं नजर कुछ ऐसे ही बयानों पर...
शांति धारीवाल- संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने सचिन पायलट को 2 साल पहले सरकार गिराने के प्रयास में शामिल होने वाला नेता बताया. फिर प्रदेश प्रभारी अजय माकन को भी लपेटा. कहा कि अजय माकन ने पक्षपात करते हुए सरकार गिराने के आरोपियों में शामिल सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने का प्रयास किया.
पढ़ें- नोटिस पाने वाले गहलोत समर्थक धर्मेंद्र राठौड़ ने पायलट को बताया गद्दार
गोविंद मेघवाल- मंत्री गोविंद मेघवाल ने सचिन पायलट पर तो आरोप लगाए ही साथ ही अजय माकन पर आलाकमान के सामने गलत तस्वीर पेश करने के आरोप भी मढ़े. बोले- पायलट कैंप के विधायक वेद सोलंकी को तो करीब 1 साल बाद भी कोई नोटिस नहीं दिया गया. जो सरकार बचाने में शामिल थे उन्हें 1 दिन में नोटिस देकर, अजय माकन ने साफ कर दिया है कि उनकी भूमिका संदिग्ध रही है. मेघवाल ने सवाल किया की बगावत करने वाले चार मंत्रियों को तो कांग्रेस की गरिमा का ध्यान रखते हुए हमने बनने दिया लेकिन अब मुख्यमंत्री ऐसे नेता को कैसे बनने दें जिसने खुद सरकार गिराने का प्रयास किया हो?
प्रताप सिंह खाचरियावास- खाचरियावास ने गहलोत का समर्थन करते हुए आलाकमान से साफ कहा कि लोकतंत्र में नंबर गेम ही सब कुछ होता है. ऐसे में यह कैसे संभव है कि जिस नेता के साथ 100 से ज्यादा विधायक हैं, उसकी बात नहीं सुनी जाकर, जिस नेता के पास 15 विधायक है उसकी बात सुनी जाए.
पढ़ें- दिव्या मदेरणा के निशाने पर धारीवाल और जोशी, अब बताया सबसे बड़ा 'गद्दार'..