जयपुर. अब तक लगातार मुख्यमंत्री को लिखे जा रहे पत्रों के माध्यम से भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा रहे कांग्रेस के विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने बुधवार को विधानसभा में भ्रष्टाचार के विरुद्ध सरकार के जीरो टॉलरेंस के तहत बर्खास्त निरीक्षक को गृह विभाग के नौकरी पर वापस लगा देने का सवाल उठाया. इस सवाल के जवाब में मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि साल 2019 और 2020 में राज्य सरकार ने अपने बजट घोषणा में जीरो टॉलरेंस के बाबत बात कही थी. पुलिस निरीक्षक एवं अन्य के विरुद्ध भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा दर्ज किए गए अभियोग में अनुसंधान से आरोप प्रमाणित पाए जाने पर इनके विरुद्ध न्यायालय में चालान पेश किया जा चुका है.
वर्तमान में यह प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है. पुलिस निरीक्षक का आचरण लोक सेवक की ही अपेक्षा में अनुपयुक्त और अशोभनीय पाए जाने पर उन्हें बर्खास्त किया गया था. इस आदेश के खिलाफ निरीक्षक ने गृह विभाग को अपील प्रस्तुत की, जिसे स्वीकार कर उन्हें बर्खास्त करने के आदेश को अपास्त किया गया. अनुशासनिक अधिकारी की ओर से पुलिस निरीक्षक को सेवा में वापस नहीं लिया गया और उक्त अपील आदेश के खिलाफ वर्तमान में राजस्थान सिविल सेवा में वर्गीकरण निरंतर अपील नियम 1958 के नियम 34 के तहत राज्यपाल के समक्ष पुनरावलोकन याचिका पेश की गई है, जो विचाराधीन है.