जयपुर.राजस्थान विधानसभा में आज पीएचईडी विभाग की अनुदान मांगों में बहस के दौरान कांग्रेस की विधायक दिव्या मदेरणा ने अपनी सरकार के पीएचईडी मंत्री और ब्यूरोक्रेसी को कटघरे में खड़ा कर दिया. दिव्या मदेरणा ने कहा कि पीएचईडी विभाग को प्रिंसिपल सेक्रेटरी चला रहे हैं. मंत्री केवल रबड़ स्टांप हैं.
ब्यूरोक्रेसी हमें बिठाएगी विपक्ष में: उन्होंने कहा कि इसी अभिमानी, निर्मम और भ्रष्ट ब्यूरोक्रेसी ने वसुंधरा राजे जैसी अच्छा काम करने वाली मुख्यमंत्री को विपक्ष में बैठा दिया. अब यही ब्यूरोक्रेसी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेहतरीन बजट के बावजूद हमें विपक्ष में बैठाने की सोच रही है. मदेरणा ने सदन में मंत्री महेश जोशी को चेतावनी दी कि अगर मेरे क्षेत्र की योजनाओं को लेकर अगर यही रवैया आपने रखा, तो मैं जनता के लिए सदन में आई हूं और जनता के लिए सड़कों पर उतरकर जन आंदोलन करूंगी. मदेरणा, महेश जोशी से इतनी नाराज दिखाई दीं (Divya Maderna seems angry with PHED Minister in assembly) कि उन्होंने कहा कि मंत्री को क्या कहें, ये तो शहर से आते हैं और गांव के व्यक्ति की समस्या को समझते हैं या नहीं इस पर मुझे संशय है. मैं रेगिस्तान से आती हूं और लगता है कि महसूस करना तो दूर की बात है, आप रेगिस्तान के व्यक्ति की समस्या जानते भी हैं या नहीं, मुझे तो इस भी संशय है.
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रातोंरात मंगाई फाइल: मदेरणा ने कहा कि रातों-रात चीफ इंजीनियर को जयपुर से कहा जाता है कि टेक्निकल सेंक्शन के लिए फाइल तैयार कीजिए. जब मैंने पूछा क्या फाइल तैयार हो रही है, तो मुझे कहा जाता है कि ऊपर से इंस्ट्रक्शन हैं कि आप को नहीं बताना है. क्या यह कोई रॉ की फाइल है या कोई बॉर्डर सिक्योरिटी का मामला है कि रातों-रात फाइल मंगवाई जाती है और सुबह टेक्निकल सेंक्शन करना चाहते हैं. मेरी विधानसभा में मेरे चीफ इंजीनियर मुझे नहीं बताएंगे कि वह क्या कर रहे हैं.
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राजस्थान में महज 2 लाख कनेक्शन: जल जीवन मिशन को लेकर मदेरणा ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि हम अगर पीने के पानी को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, तो फिर क्या करेंगे. उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन में हमारे पड़ोसी राज्य हरियाणा और पंजाब 100 प्रतिशत काम कर चुके हैं. गुजरात, बिहार जैसे राज्य 80 प्रतिशत काम पूरा कर चुके हैं, लेकिन राजस्थान में 2 लाख कनेक्शन पूरे करने की बात कही जाती है. लेकिन यह कनेक्शन केवल कागजों में ही होंगे. उन्होंने कहा की प्रैक्टिकल सोच की जरूरत है, लेकिन हम भेड़ चाल चल रहे हैं, प्लानिंग से नहीं.