जयपुर. राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस विधायक अमीन खान अपनी ही सरकार के खिलाफ नाराज दिखे. अमीन खान ने शिक्षा मंत्री गोविंदसिंह डोटासरा के खिलाफ नाराजगी जाहिर की. खान ने कहा कि एक विधायक को मंत्री 2 दिन तबीयत का बहाना करके नहीं मिलता, ऐसे मंत्री इस गरीब आवाम के साथ क्या न्याय करेगा. उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि मंत्रियों को इतनी आराम की सुविधाएं नहीं दी जानी चाहिए, जिससे की वो आम जनता से ही दूर हो जाएं.
अमीन खान ने कहा मंत्री मिलते ही नहीं हैं राजस्थान विधानसभा में शिव से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक अमीन खान ने शिक्षा मंत्री का नाम लिए बगैर नाराजगी में यहां तक कह दिया कि मंत्रियों के पास फर्नीचर और आराम करने का इतना नहीं होना चाहिए कि एक विधायक को मंत्री 2 दिन तक मुगालते में रखता है कि उसकी तबीयत खराब है. यह क्या मंत्री गरीब आवाम को निहाल करते होंगे.
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दरअसल, राजस्थान विधानसभा में मुख्यमंत्री के बजट भाषण पर भाग लेते हुए कांग्रेस विधायक अमीन खान ने कहा कि मेरे गांव में मॉडल स्कूल है, उसमें दूसरे मॉडल स्कूल से बचे कम थे, लेकिन रिजल्ट हमारे स्कूल में सबसे अच्छा गया, लेकिन तीन विषयों के टीचर कभी नहीं रहे. इस मामले को लेकर मैं शिक्षा मंत्री से 10 बार मिला और शिकायत की, तो डायरेक्टर एजुकेशन में बतौर पनिशमेंट के एक प्रिंसिपल लगा दिया, उसने वहां जाकर यह षड्यंत्र करते हुए 100 से ज्यादा टीसी बच्चों की काट दी.
कांग्रेस विधायक अमीन खान ने अपनी ही सरकार पर बोला हमला इसका मतलब वह मॉडल स्कूल को बंद करना चाहता था. मैं शिक्षा मंत्री के पास इसकी शिकायत लेकर गया, तो कुछ लोगों ने कहा कि दफ्तर वाले लोगों से टाइम का पूछो, दफ्तर वालों को पूछा तो उन्होंने कहा साहब की तबीयत खराब है. यह देश गरीब है और यह गांधीवादी देश है इन मंत्रियों के पास भी बहुत ज्यादा फर्नीचर आराम और मौज करने का नहीं होना चाहिए.
'क्षेत्रफल और पॉपुलेशन के आधार पर सरकार दे सुविधाएं'
कांग्रेस विधायक अमीन खान ने कहा कि सरकार को क्षेत्रफल के हिसाब से विधानसभा क्षेत्रों को पैसा पास करना चाहिए. उन्होंने कहा कि बड़ी विधानसभाओं में भी 5 करोड की सड़कें और छोटी विधानसभाओं में भी 5 करोड़ की सड़कें यह नहीं, अन्याय है. खान ने कहा कि कुछ क्षेत्र, जैसे चौहटन और शिव वो इलाका हैं, जिसमें 85 फीसदी जनसंख्या रिजर्व क्लास ओबीसी, एससी, एसटी की है, लेकिन शिक्षा के स्तर सारे हिंदुस्तान में उस एरिया में सबसे नीचे है और आज की तारीख में कोई भी जांच करवा ले वहां की हर सेकेंडरी स्कूल में अंग्रेजी, गणित, भूगोल, हिंदी का मास्टर नहीं है. सरकार भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विकास इकाइयां सेट करे.
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जैसलमेर विधानसभा में 28000 वर्ग किलोमीटर एरिया है, जिसमें एक ढाणी से दूसरी ढाणी में 30 किलोमीटर का फासला है. क्या वहां 50 बच्चों में एक मास्टर भेज सकते हैं, क्या सड़क हर एमएलए को जो 5 करोड़ दिए हैं अगर जैसलमेर और शिव के एमएलए को 5 करोड़ दोगे तो यह केवल ऊंट के मुंह में जीरा होगा. भरतपुर-अलवर में 5 करोड़ एक विधायक को देंगे तो उसे विधायक की वाहवाही हो जाएगी. इस तरीके से यह न्याय नहीं कहलाता है यह अन्याय है और क्षेत्रफल की दूरी के हिसाब से अमाउंट सरकार को जारी करना चाहिए और क्षेत्रफल की दूरी के हिसाब से ही बच्चों की संख्या के आधार पर मास्टरों की पोस्ट तय करनी चाहिए.
वहीं, मुख्यमंत्री के बजट भाषण पर चर्चा में भाग लेते हुए अमीन खान ने सरकार के साथ ही विपक्षी दलों से भी अपील करते हुए कहा कि सरकारी छोटी-छोटी भर्तियों पर जो पाबंदी है वह जनहित में नहीं है. जलदाय विभाग में फीटर, बेलदार और लाइनमैन होता है यह फोर्थ क्लास के नौकर हैं. खजाने की बचत के लिए इन भर्तियों पर रोक लगाई है और बड़े-बड़े अधिकारी जो लाखों रुपए वेतन उठाते हैं और लाखों रुपए सरकार का खर्च होता है उसको रोकने से तो बचत नहीं होती और एक फोर्थ क्लास के आदमी का वेतन रोक कर या नई भर्ती रोककर हम स्टेट की बचत करते हैं, तो हम जनता के गुनहगार हैं और इंसाफ नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि शासन का असली काम है कमजोर को ऊपर उठाओ.
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उन्होंने कहा कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र में ऐसे पोलिंग स्टेशन हैं, जहां 20 से 25 ही वोट हैं, लेकिन यह अन्याय नहीं है. आज पापुलेशन में शिव, बायतु, बाड़मेर, पचपदरा, सिवाना गुडामनाली हर विधानसभा में 3 लाख 50 हज़ार से ज्यादा आबादी है. आप सभी फैसला कर लें कि हर विधानसभा में 5-5 स्कूल खोल दो क्या यह संभव है. एक क्षेत्र ऐसा है जिसमें 9000 स्क्वायर किलोमीटर एरिया है और जिसमें दूरी पर इंसान बसे हुए हैं और उनकी पॉपुलेशन जहां अच्छे से अच्छे स्कूल ओर पैसे वाले लोग जहां रहते हैं वहां से ज्यादा उनकी पॉपुलेशन और ज्यादा एरिया है और स्कूल 5 दे दी क्या यह न्याय है यह न्याय नहीं है यह इंसाफ है यह उस कहावत के अनुसार है कि अंधे पीसे और कुत्ते खाये.