जयपुर. राजस्थान में राज्यसभा चुनाव संपन्न होते ही प्रदेश में कैबिनेट फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों की सुगबुगाहट एक बार फिर शुरू हो गई है. हालांकि, राहुल गांधी को दिए गए ईडी के नोटिस के बाद (National Herald Case) कांग्रेस पार्टी के दिल्ली में हुए प्रदर्शनों और संगठन चुनाव के चलते अभी विधायकों और नेताओं का इंतजार कुछ लंबा हो सकता है. लेकिन अब विधायक और कांग्रेस के नेता इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि कब उनकी खाली झोली मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भरें.
योग्य नेताओं को पद देना और अयोग्य नेताओं को पदों से हटाने के लिए राजस्थान कांग्रेस संगठन की ओर से विधायकों और कांग्रेस के नेताओं का रिपोर्ट कार्ड भी तैयार करना शुरू कर दिया गया है. इसके लिए अब कांग्रेस पार्टी ने जहां हाल ही में हुए प्रदर्शनों में पद पाने वाले मंत्रियों और राजनीतिक नियुक्ति पाने वाले नेताओं की इन प्रदर्शनों में रही भूमिका को भी एक आधार माना है. हालांकि, कैबिनेट फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों की तीसरी सूची के लिए कांग्रेस पार्टी जाति और क्षेत्र का आधार भी देख रही है, लेकिन सबसे प्रमुख योग्यता यही मानी जा रही है कि कौन नेता कांग्रेस की मजबूती के लिए हर समय खड़ा है और कौन नेता पार्टी के कार्यक्रमों की अनदेखी कर रहा है.
कैबिनेट पुनर्गठन : राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अब तक अपनी कैबिनेट का सरकार बनने के साथ ही गठन करने के बाद 2021 नवंबर में विस्तार किया है. हालांकि, इस विस्तार में 10 नेताओं को मंत्री पद मिला, लेकिन विधायक इस आस में बैठे थे कि कुछ अंडरपरफॉर्म मंत्रियों की छुट्टी भी की जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी मंत्रियों को बरकरार रखते हुए 10 नए नेताओं को कैबिनेट विस्तार में मौका दिया.
हालांकि, एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत के चलते प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा गुजरात के प्रभारी रघु शर्मा और पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी ने खुद ही अपने मंत्री पद छोड़ दिए थे. अब राजस्थान में कैबिनेट विस्तार नहीं हो सकता. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को (Report Card of Rajasthan Leaders) कैबिनेट का पुनर्गठन ही करना होगा, क्योंकि प्रदेश में मंत्रियों की संख्या मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 30 हो सकती है और मुख्यमंत्री ने यह संख्या पूरी कर ली है. ऐसे में अब अगले 3 महीने में कैबिनेट में नए-नए चेहरों को गहलोत को मौका देना है तो फिर पुराने चेहरों को कैबिनेट से हटाना ही होगा.
वैसे भी अब पार्टी चुनावी मोड में जा चुकी है और क्योंकि मंत्रियों में कई नेता ऐसे हैं जो संगठन के लिए भी उपयुक्त चेहरा माने जाते हैं. ऐसे में कई नेताओं को अब (Congress Political Strategy in Rajasthan) संगठन में सक्रिय किए जाने की संभावना है. विधायकों के लिए भी पूरी जांच प्रदेश कांग्रेस संगठन की ओर से की जा रही है कि वह कांग्रेस की मजबूती के लिए किए जा रहे कार्यक्रम में अपना सहयोग दे रहे हैं या नहीं. इसी रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कैबिनेट पुनर्गठन करेंगे.