जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दिल्ली दौरे के बाद अब उनके ओएसडी लोकेश शर्मा ने राहुल गांधी से मुलाकात की बात को सिरे से खारिज कर दिया है. गहलोत के ओएसडी ने ट्वीट करके 16 अक्टूबर को गहलोत की राहुल गांधी से मुलाकात नहीं होने का दावा करके सियासी हलकों में चर्चाएं छेड़ दी है. राहुल गांधी और सोनिया गाधी से मुलाकात नहीं होने से ऐसे सियासी संकेत मिल रहे हैं कि प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार से पहले कांग्रेस हाईकमान का फाेकस सचिन पायलट से जुड़े मुद्दों को सुलझाने पर रहेगा.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दिल्ली दौरे के दौरान पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी से मुलाकात नहीं हुई. राहुल गांधी के आवास पर हुई बैठक में उस कमेटी की बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बुलाया गया जो कमेटी सचिन पायलट से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए बनाई थी.
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इसका मतलब साफ है कि कांग्रेस आलाकमान राजस्थान में सबसे पहले सचिन पायलट से जुड़े मुद्दों को सुलझाना चाहता है. उसके बाद ही अन्य सियासी निर्णय लिए जाएंगे. हालांकि सचिन पायलट के दो मुद्दे मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों के भी हैं ,लेकिन सचिन पायलट का बड़ा सवाल यह है कि राज्य में कांग्रेस अपनी सरकार बरकरार नहीं रख पाती है. सरकार कैसे रिपीट हो और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी शून्य से ऊपर कैसे उठे? मुख्यमंत्री गहलोत के साथ सचिन पायलट के मुद्दों को सुलझाने वाली कमेटी के सदस्यों ने चर्चा की है.
सचिन पायलट ने ये मुद्दे उठाए थे
करीब 3 महीने पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के समक्ष प्रमुख मुद्दे उठाए थे. पायलट ने कहा था कि 'हम लोगों ने जो मुद्दे उठाए उसे आप सब जानते हो, राजस्थान में जब कांग्रेस की सरकार बनी है तो उसके बाद हम उसे बरकरार नहीं रख पाए. यह नेताओं की सामूहिक जिम्मेदारी होती है. हम दोबारा चुनाव जीते हैं, पिछली बार हम 20 पर रह गए, उससे पहले 50 पर आ गए थे.' लोकसभा चुनाव में राज्य में कांग्रेस पार्टी शून्य से ऊपर कैसे उठे? 'कार्यकर्ताओं की जो उम्मीदें हैं उन्हें पूरा करना चाहिए. लाठियां खाने वाले कार्यकर्ताओं को सम्मान मिले.