जयपुर. राजस्थान में अभी सत्ताधारी दल कांग्रेस है, ऐसे में प्रदेश में संपन्न हो चुके सहाड़ा, राजसमंद और सुजानगढ़ के उपचुनाव में 2 मई को आ रहे नतीजो को को लेकर ज्यादा उम्मीदें भी कांग्रेस पार्टी से ही लगाई जा रही है. वैसे भी इन 3 सीटों में से 2 सीटों पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा था. ऐसे में यह माना जा रहा है कि इन 2 सीटों पर तो कांग्रेस पार्टी किसी तरीके से जीत का परचम लहरा ही देगी.
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नतीजे क्या आएंगे यह तो 2 मई को साफ हो जाएगा, लेकिन कांग्रेस पार्टी की ओर से यह निर्णय ले लिया गया है कि अगर पार्टी इन चुनावों में जीत भी दर्ज करती है तो जश्न नहीं मनाएगी. वैसे तो कांग्रेस पार्टी अपने आप को तीनों सीटों पर विजेता मान रही है. जीत के बाद ना तो कोई जश्न होगा, ना ही किसी तरीके का रैली या फिर कार्यकर्ताओं का जीत का प्रदर्शन. इस बात को लेकर न केवल प्रत्याशियों बल्कि कार्यकर्ताओं को भी साफ तौर पर निर्देश दे दिए गए हैं.
कोरोना संकट के चलते इस बार पार्टी कार्यकर्ताओं का ध्यान कोरोना से जनता को राहत दिलाने में होना चाहिए ना की किसी भी जीत के जश्न में पड़ने का. कांग्रेस पार्टी ने अपने प्रत्याशियों को सख्त निर्देश जारी कर दिए हैं कि अगर परिणाम उनके पक्ष में आता है तो वह भीड़भाड़ से बचें और किसी भी प्रकार की रैली या कोई ऐसा जीत का जश्न नहीं मनाए.
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय माकन वैसे तो जब सत्ताधारी दल उपचुनाव में जाता है तो उसमें जीत की जिम्मेदारी पूरी तरीके से सरकार की होती है. ऐसे में 3 सीटों के नतीजे जो भी रहे उन्हें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सरकार के कामकाज पर जनता के असर के तौर पर देखा जाएगा. लेकिन, यह चुनाव राजस्थान कांग्रेस संगठन का भी पहला विधानसभा चुनाव होगा. ऐसे में प्रदेश संगठन के मुखिया गोविंद सिंह डोटासरा, प्रदेश प्रभारी महासचिव अजय माकन और राजस्थान कांग्रेस के पूरे संगठन के साथ यह चुनाव जुड़े होंगे. हालांकि, इन चुनावों में चुनाव प्रबंधन संभाल रहे चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना और उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी की भी साख दांव पर है.
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बता दें कि कांग्रेस ने 3 सीट में से 2 सीट सहाड़ा और सुजानगढ़ में परिवारवाद की सहानुभूति का फायदा उठाने के लिए सहाड़ा से दिवंगत विधायक कैलाश त्रिवेदी की पत्नी गायत्री त्रिवेदी और सुजानगढ़ से दिवंगत विधायक मास्टर भंवर लाल मेघवाल को के बेटे मनोज मेघवाल को टिकट दिया है. वहीं, जिस राजसमंद की सीट पर कांग्रेस लगातार 4 बार से चुनाव हार रही थी वहां कांग्रेस ने नए चेहरे तनसुख बोहरा पर दांव खेला है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा लेकिन, 2 मई को आने वाले चुनाव के नतीजों पर कोरोना का ऐसा असर पड़ा है कि खुद सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और संगठन के मुखिया राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा कोरोना संक्रमित हैं. प्रदेश की जनता भी कोरोना से बुरी तरह जूझ रही है. ऐसे में इन चुनाव के नतीजे भले ही कोई भी आए लेकिन हर किसी की नजर तो प्रदेश में ऑक्सीजन, बेड, वेंटिलेटर और मेडिकल सुविधाओं पर है कि वह सरकार किसे मुहैया करवा पा रही है और किसे नहीं.