जयपुर. राजस्थान में 6 जिलों में होने जा रहे जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव के लिए नामांकन का आज सोमवार को अंतिम दिन था. नामांकन के अंतिम दिन जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से अपने प्रत्याशियों की सूची जारी की गई, तो वहीं कांग्रेस पार्टी ने 2020 में हुए 20 जिलों के पंचायती राज चुनाव की तरह इस बार भी पार्टी सिंबल किसे दिए जा रहे हैं, इसकी सूची सार्वजनिक नहीं की.
कांग्रेस पार्टी की ओर से जिन प्रत्याशियों को पार्टी के सिंबल दिए गए, उन्हें पहले फोन के माध्यम से नॉमिनेशन दाखिल करने को कहा गया और सिंबल विधायकों की ओर से सीधे नामांकन दाखिल करने वाले एसडीएम कार्यालय में पहुंचा दिए गए. इससे अंतिम समय तक बागी प्रत्याशियों को यह पता नहीं लगा कि पार्टी ने सिंबल किसे दिया है.
बगावत का था डर, लेकिन बागियों ने बिना सिंबल के ही कर दिए नामांकन दाखिल : दरअसल, पंचायती राज चुनाव में पार्टी प्रत्याशी को नामांकन दाखिल करते समय सिंबल की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि पार्टी की ओर से सिंबल नामांकन दाखिल करने के अंतिम समय तक नामांकन कार्यालय में पहुंचाना होता है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने नामांकन दाखिल करने के अंतिम समय तक ज्यादातर जगह सिंबल जारी नहीं किए, जिससे कि प्रत्याशियों के साथ ही पार्टी से बगावत कर रहे सभी प्रत्याशियों ने भी अपने नामांकन दाखिल कर दिए. अब क्योंकि पार्टी से टिकट चाहने वाले सभी प्रत्याशियों ने अपने नामांकन दाखिल कर दिए थे तो ऐसे में अब पार्टी की ओर से बाकी प्रत्याशियों को नामांकन वापस लेने के लिए मान मनौव्वलकरनी होगी.
उठाना पड़ सकता है भितरघात का नुकसान : 6 जिलों में 9 विधानसभा ऐसी है जहां कांग्रेस पार्टी को अपनी ही पार्टी के उन नेताओं का भितरघात झेलना पड़ सकता है, जो अपने ऊपर निर्दलीय, बसपा से कांग्रेस में आए या समर्थित दलों के विधायकों को सिंबल देने के अधिकार से नाराज हैं.