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डायरेक्ट इलेक्शन पर असमंजस बरकरार, चुनाव में उतरने के लिए मेयर करेंगे पार्टी के आदेश का इंतजार

प्रदेश में नवंबर में होने वाले नगर निकाय के चुनाव में सभापति और मेयर के चुनाव को लेकर सरकार अपने फैसले को बदल सकती है. इसके लिए राज्य सरकार को 27 अक्टूबर तक तय करना होगा कि मेयर का चुनाव जनता द्वारा करवाया जाएगा या पार्षद ही मेयर चुनेंगे.

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Published : Oct 9, 2019, 8:38 PM IST

जयपुर .प्रदेश में निर्वाचन विभाग दीपावली के बाद निगम के चुनाव की घोषणा कर सकता है. हालांकि मेयर के सीधे चुनाव को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. इस बीच जयपुर नगर निगम के महापौर विष्णु लाटा ने निकाय चुनाव में उतरने के सवाल पर पार्टी के आदेशों के अनुरूप काम करने की बात कही है.

चुनाव में उतरने के लिए मेयर करेंगे पार्टी के आदेश का इंतजार

प्रदेश में नवंबर में होने वाले नगर निकाय के चुनाव में सभापति और मेयर के चुनाव को लेकर सरकार अपने फैसले को बदल सकती है. हालांकि इसके लिए राज्य सरकार को 27 अक्टूबर तक तय करना होगा कि मेयर का चुनाव जनता द्वारा करवाया जाएगा या पार्षद ही मेयर चुनेंगे. मेयर महिला होगी या पुरुष, वो किस वर्ग से होगा, ये लॉटरी के जरिए तय करना होगा.

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इस बीच शहर के मेयर विष्णु लाटा ने चुनावी मैदान में उतरने के सवाल पर पार्टी के आदेश को सर्वोपरि बताया है. हाल ही में कांग्रेस के हुए मेयर विष्णु लाटा ने कहा कि सरकार के स्तर पर डायरेक्ट और इनडायरेक्ट इलेक्शन को लेकर कार्रवाई चल रही है और जल्द इस पर निर्णय हो जाएगा. उन्होंने खुद के चुनावी मैदान में उतरने के सवाल पर मेयर की लॉटरी आने की बात कही और इनडायरेक्ट इलेक्शन होने की स्थिति में पार्टी के आदेश के अनुरूप काम करने की बात कही.

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आपको बता दें कि पिछली भाजपा सरकार ने मेयर और सभापति के चुनाव के लिए अप्रत्यक्ष प्रणाली को लागू किया था. जिसे सरकार में आते ही कांग्रेस ने बदल दिया.

वहीं हाल ही में केंद्र सरकार ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया है. प्रदेश में सरकार को आशंका है कि मेयर/सभापति के चुनाव सीधे जनता के वोटों से कराए गए, तो भाजपा को फायदा मिल सकता है. यही कारण है कि इस फैसले पर दोबारा विचार किया जा रहा है.

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