जयपुर. आदिवासी और उनके धर्म को लेकर प्रदेश में सियासी बयानबाजी बीते कुछ दिनों से लगातार सुर्खियां बटोर रही है. कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा के बयान के बाद इस मुद्दे पर शुरू हुई राजनीति फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रही है. अब पूर्व विधायक और ट्राइफेड के अध्यक्ष रमेश मीना ने इस मुद्दे पर बयान दिया है.
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रमेश मीना ने कहा कि उन्हें मीडिया से ही जानकारी मिली कि एक विधायक ने आदिवासियों के लिए अलग धार्मिक कोड की मांग उठाई है. हालांकि, उन्होंने अगले दिन इसका खंडन भी कर दिया. उन्होंने कहा कि वह देश के कमोबेश हर कोने में घूमे हैं. उन्होंने देखा है कि आदिवासी या जनजाति समाज की परंपराएं और रीति रिवाज पूर्ण रूप से हिंदू है.
मीना ने कहा कि एफसीआरए के आंकड़े के अनुसार पिछले साल भारत में 68 हजार करोड़ रुपए ईसाई धर्म का प्रचार करने के लिए आए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि इसके अलावा अरब देशों से भी बड़ी मात्रा में धन भारत में भेजा जा रहा है. एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत भोलेभाले आदिवासी समाज के लोगों में भ्रम फैलाया जा रहा है. हालांकि, अभी आदिवासी पूरी तरह से हिंदू धर्म का पालन कर रहे हैं.
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बता दें कि पिछले दिनों कांग्रेस के विधायक गणेश घोघरा ने बयान दिया था कि आदिवासी हिंदू धर्म को नहीं मानते हैं. इसलिए उनके लिए अलग धार्मिक कोड लागू होना चाहिए. इसके बाद से ही आदिवासी और उनके धर्म पर सियासत तेज हो गई है. अब तक आदिवासी समाज से जुड़े कई लोगों के इसके समर्थन और विरोध में बयान आ चुके हैं.