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राजगढ़ SHO सुसाइड मामला: बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ और सीओ रामप्रताप विश्नोई के बीच हुई तीखी बहस

चूरू जिले के राजगढ़ थाना परिसर में बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ और सीओ रामप्रताप विश्नोई के बीच शनिवार देर रात जमकर तीखी बहस हुई. बता दें कि राजेंद्र राठौड़ और सीओ रामप्रताप विश्नोई के बीच विष्णुदत्त के पार्थिव शरीर को जनता को सौंपने को लेकर तीखी बहस हुई.

राजगढ़ SHO सुसाइड मामला, Rajgarh SHO Suicide Case
बीजेपी नेता और सीओ के बीच तीखी बहस

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Published : May 23, 2020, 11:31 PM IST

जयपुर. चूरू के राजगढ़ एसएचओ विष्णुदत्त विश्नोई की आत्महत्या प्रकरण के बाद अब राजगढ़ में माहौल गरमाने लगा है. जहां विभिन्न राजनीतिक पार्टियों से ताल्लुक रखने वाले नेता इस मौके को भुनाने में लगे हुए हैं तो वहीं पुलिसकर्मियों में भी इस घटना के बाद कड़ा आक्रोश देखने को मिल रहा है.

बीजेपी नेता और सीओ के बीच तीखी बहस

माना जा रहा है कि पॉलीटिकल प्रेशर के चलते ही एसएचओ विष्णुदत्त विश्नोई ने आत्महत्या का कदम उठाया, जिसके चलते चूरू पुलिस के तमाम पुलिसकर्मियों में गहरा आक्रोश है. यही कारण है कि शनिवार देर रात राजगढ़ थाना परिसर में बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ और सीओ रामप्रताप विश्नोई के बीच जमकर तीखी बहस हुई.

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राजेंद्र राठौड़ अपने समर्थक और स्थानीय लोगों के साथ राजगढ़ थाने के बाहर मौजूद रहे. इस दौरान एसएचओ विष्णुदत्त विश्नोई के पार्थिव शरीर को लेकर एक विवाद उत्पन्न हो गया. राजेंद्र राठौड़ और सीओ रामप्रताप विश्नोई के बीच विष्णुदत्त के पार्थिव शरीर को जनता को सौंपने को लेकर तीखी बहस हुई.

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राजेंद्र राठौड़ विष्णु दत्त का पार्थिव शरीर जनता को सौंपने की बात पर अड़े हुए थे तो वहीं सीओ रामप्रताप बिश्नोई ने कहा कि विष्णुदत्त चूरू पुलिस के परिवार का हिस्सा है और हम उनका पार्थिव शरीर जनता को नहीं सौंप सकते. इस बात को लेकर राजेंद्र राठौड़ और सीओ रामप्रताप विश्नोई में तीखी बहस हुई. इस दौरान बीच बचाव करने के लिए आईजी जोस मोहन को बीच में आना पड़ा.

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