जयपुर. राजधानी में बीते करीब 3 महीने से निगम के ठेकेदारों ने सिविल वर्क बंद कर रखा है. इसका कारण है करीब 300 करोड़ रुपए का बकाया. इसमें से 200 करोड़ ग्रेटर नगर निगम पर जबकि 100 करोड़ हेरिटेज नगर निगम का बकाया है. हालांकि, हेरिटेज नगर निगम ने अब 30 करोड़ का शॉर्ट टर्म लोन लेकर ठेकेदारों को 25-25 फीसदी भुगतान करने का फैसला लिया है, लेकिन ठेकेदार इससे संतुष्ट नहीं हैं. ठेकेदार 30-30 लाख रुपए देने की मांग कर रहे हैं. इस बीच परकोटे की उधड़ी हुई सड़कें आए दिन दुर्घटनाओं को न्यौता दे रही है.
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मरम्मत की बाट जोह रही सड़क
राजधानी के परकोटे की सड़कें खस्ताहाल हो गई है. कहीं सड़क पर गड्ढे नजर आते हैं तो कहीं गड्ढों के बीच सड़क ढूंढनी पड़ती है. विकास की चुगली करती हुई सड़कें लंबे समय से अपनी मरम्मत की बाट जोह रही है. क्षेत्रीय लोगों की मानें तो आए दिन यहां से पार्षदों, निगम के अधिकारियों यहां तक की मेयर और विधायकों की गाड़ी भी गुजरती है. लेकिन सड़कों की सुध नहीं ली जा रही है. आलम ये है कि सड़कों पर हो रहे गड्ढों से गिरकर आए दिन कोई ना कोई चोटिल हो जाता है.
ठेकेदारों का करीब 100 करोड़ का बकाया