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Special: मरम्मत की बाट जोह रही परकोटे की सड़क, निगम और ठेकेदार के बीच उलझा मामला - Jaipur Greater Municipal Corporation

जयपुर के ग्रेटर और हेरिटेज नगर निगम में करोड़ों रुपए बकाया होने के कारण ठेकेदारों ने सिविल वर्क बंद कर दिया है. परकोटे की सड़कें लंबे समय से अपनी मरम्मत की बाट जोह रही है. अब निगम को पहल करते हुए जल्द ठेकेदारों का लंबित भुगतान करना होगा ताकि शहर की बिगड़ी व्यवस्थाएं पटरी पर आए. देखिए ये रिपोर्ट...

Road conditions in Jaipur,  Jaipur Heritage Municipal Corporation
मरम्मत की बाट जोह रही परकोटे की सड़क

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Published : Mar 11, 2021, 8:15 PM IST

जयपुर. राजधानी में बीते करीब 3 महीने से निगम के ठेकेदारों ने सिविल वर्क बंद कर रखा है. इसका कारण है करीब 300 करोड़ रुपए का बकाया. इसमें से 200 करोड़ ग्रेटर नगर निगम पर जबकि 100 करोड़ हेरिटेज नगर निगम का बकाया है. हालांकि, हेरिटेज नगर निगम ने अब 30 करोड़ का शॉर्ट टर्म लोन लेकर ठेकेदारों को 25-25 फीसदी भुगतान करने का फैसला लिया है, लेकिन ठेकेदार इससे संतुष्ट नहीं हैं. ठेकेदार 30-30 लाख रुपए देने की मांग कर रहे हैं. इस बीच परकोटे की उधड़ी हुई सड़कें आए दिन दुर्घटनाओं को न्यौता दे रही है.

निगम और ठेकेदार के बीच उलझा मामला

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मरम्मत की बाट जोह रही सड़क

राजधानी के परकोटे की सड़कें खस्ताहाल हो गई है. कहीं सड़क पर गड्ढे नजर आते हैं तो कहीं गड्ढों के बीच सड़क ढूंढनी पड़ती है. विकास की चुगली करती हुई सड़कें लंबे समय से अपनी मरम्मत की बाट जोह रही है. क्षेत्रीय लोगों की मानें तो आए दिन यहां से पार्षदों, निगम के अधिकारियों यहां तक की मेयर और विधायकों की गाड़ी भी गुजरती है. लेकिन सड़कों की सुध नहीं ली जा रही है. आलम ये है कि सड़कों पर हो रहे गड्ढों से गिरकर आए दिन कोई ना कोई चोटिल हो जाता है.

ठेकेदारों का करीब 100 करोड़ का बकाया

इस संबंध में जब हेरिटेज निगम का रुख किया तो सामने आया कि निगम से जुड़े ठेकेदारों का करीब 100 करोड़ का बकाया चल रहा है, जिसे लेकर ठेकेदार हड़ताल पर थे. हालांकि, अब हेरिटेज नगर निगम ने 30 करोड़ का शॉर्ट टर्म लोन लेकर प्रत्येक ठेकेदार को 25 फीसदी भुगतान करने का फैसला लिया है.

मरम्मत की बाट जोह रही परकोटे की सड़क

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निगम के फैसले से ठेकेदार नहीं हैं संतुष्ट

हालांकि, निगम के फैसले पर ठेकेदार पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं. भुगतान मिलने के आश्वासन पर ठेकेदारों ने अपनी हड़ताल तो खत्म कर दी है, लेकिन हड़ताल खत्म करने के साथ प्रत्येक ठेकेदार को 30-30 लाख रुपए देने की मांग की है.

बहरहाल, निगम के ठेकेदारों का लंबित भुगतान शहर की सड़कों की मरम्मत कार्य के आड़े आ रहा है और ये बात तय है कि जब तक भुगतान नहीं होगा ठेकेदार काम पर नहीं लौटेंगे. भले ही ठेकेदारों ने हड़ताल खत्म करने का ऐलान कर दिया है, लेकिन अब निगम को भी पहल करते हुए जल्द इनका लंबित भुगतान करना होगा ताकि शहर की बिगड़ी व्यवस्थाएं पटरी पर आए.

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